(दिनेश डांगी) Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान में विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहें हैं वैसे ही सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है. कांग्रेस में लगातार संगठनात्मक नियुक्तियों का दौर जारी है जहां इसी सिलसिले में जयपुर में जल्द ही प्रदेश इलेक्शन कमेटी, पर्यवेक्षक और स्क्रीनिंग कमेटी के सदस्यों की एक अहम बैठक होने वाली है जिसमें चुनावी रणनीति, चुनाव संचालन कमेटियों का गठन और उम्मीदवार चयन को लेकर मंथन होगा.
बताया जा रहा है कि इस बैठक में सीएम गहलोत और केसी वेणुगोपाल भी मौजूद रहेंगे. जानकारी मिली है कि कांग्रेस इस बार हर जिले से एक या दो मौजूदा विधायकों के टिकट काटने की तैयारी में है जिसमें कई बड़े नाम भी शामिल है.
वहीं बताया जा रहा है कि बीते साल उदयपुर में हुए चिंतन शिविर के फैसले को भी चुनावों में लागू किया जाएगा जिसके बाद राजस्थान कांग्रेस के कई नए चेहरों और युवा नेताओं की लॉटरी खुल सकती है. इसके अलावा सियासी गलियारों में चर्चा है कि चुनावों में कांग्रेस इस बार गठबंधन भी कर सकती है.
सितंबर में जारी होगी पहली लिस्ट!
वहीं जानकारी मिली है कि स्क्रीनिंग कमेटी हर विधानसभा सीट पर तीन-तीन उम्मीदवारों का पैनल तैयार करने जा रही है जहां 200 सीटों पर 600 नाम पैनल में होंगे. यह पैनल केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) को नाम सौंप देगा जिस पर सीईसी द्वारा एक नाम पर मुहर लगाने के बाद टिकट कंफर्म हो जाएगा. बता दें कि कई एजेंसियों के सर्वे रिपोर्ट के आधार पर यह कमेटी पैनल को तैयार करेगी.
इधर सूत्रों के मुताबिक, सितंबर में कांग्रेस 80 से 100 उम्मीदवारों की घोषणा कर सकती है जहां पहली सूची में 45 से 50 नाम और दूसरी सूची में 30 से 50 नाम हो सकते हैं. बताया जा रहा है कि पहली सूची में स्थापित नेताओं सहित करीब 20 मंत्रियों के नाम हो सकते हैं. वहीं दूसरी सूची में उन सीटों पर उम्मीदवार घोषित होंगे जहां कांग्रेस दो या तीन बार से लगातार चुनाव हार रही है.
नेताओं के बेटा-बेटियों का No चांस
वहीं सूत्रों का कहना है कि इस बार कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व ने फैसला किया है कि नेताओं के बेटा-बेटियों और रिश्तेदारों को टिकट नहीं दिया जाएगा. बता दें कि मंत्री शांति धारीवाल, राजेंद्र यादव, हेमाराम चौधरी, दीपेंद्र सिंह शेखावत, अमीन खान, गुरमीत कुन्नर व बाबूलाल बैरवा सहित कई बड़े नेता अपने बेटे-बेटियों के लिए टिकट की इच्छा रख रहे हैं.
बताया जा रहा है कि शीर्ष नेतृत्व बेटे-बेटियों के बजाय उनको खुद ही चुनाव में उतारने के मूड में है. दरअसल आलाकमान मिशन रिपीट को लेकर किसी भी तरह का जोखिम नहीं लेना चाहता है.
जिताऊ चेहरों को मिलेगा मौका
वहीं राजस्थान में इस बार उम्मीदवार चयन में 2 बार लगातार हारने वाले, ज्यादा वोटों से हारने वाले और ज्यादा उम्र होने जैसे कोई मापदंड लागू नहीं होने के आसार बताए जा रहे हैं जहां सर्वे रिपोर्ट में जो जिताऊ होगा सिर्फ उसी को टिकट देने का दावा किया जा रहा है. इसके अलावा कांग्रेस के 3 बड़े चेहरे और मौजूदा विधायक अपनी सीट बदलना चाहते हैं और दो विधायक दूसरे जिले की सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं जिनमें एक अभी मंत्री है और दो नेता विधायक से पहले सांसद भी रह चुके हैं.
बता दें कि टिकट के लिए कांग्रेस के तीन अलग-अलग सर्वे हो रहे हैं जिनकी रिपोर्ट से ही मंथन किया जाएगा. हालांकि आखिर में बड़े नेताओं की सिफारिश और आशीर्वाद टाइप सदाबहार फार्मूला तो चलना ही है. वहीं इस बार कांग्रेस पंचायत और शहरी निकाय जनप्रतिनिधियों को भी विधानसभा चुनावों में अच्छे खासे टिकट दिए जा सकते हैं.
वहीं निर्दलीय विधायकों में सरकार को समर्थन दे रहे 13 विधायकों में से 2 या 3 को छोड़कर बाकी विधायकों की टिकट कंफर्म बताई जा रही है. इधर बताया जा रहा है कि बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए राजेंद्र गुढ़ा के अलावा बाकी पांच में से एक और विधायक की टिकट खतरे में है जिनकी सर्वे में रिपोर्ट नेगेटिव आई है.
गठबंधन की तैयारी में कांग्रेस!
वहीं सियासी गलियारों में चर्चाएं हैं कि राजस्थान विधानसभा चुनाव के रण में कांग्रेस इस बार गठबंधन भी कर सकती है जहां 3 सीटों पर वामदलों और 2 सीटों पर आरएलडी के साथ गठबंधन हो सकता है. सूत्रों की मानें तो इस बार कांग्रेस कई अन्य दलों के साथ भी गठबंधन कर सकती है.
कांग्रेस की पहली लिस्ट में संभावित नाम यहां पढ़ें –
सीएम अशोक गहलोत, अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, स्पीकर सीपी जोशी, महेंद्रजीत सिंह मालवीय, साले मोहम्मद, सुखराम बिश्नोई, अशोक चांदना, टीकाराम जूली, शंकुतला रावत, भजन लाल जाटव, शांति धारीवाल, परसादी लाल मीणा, बृजेंद्र सिंह ओला, विश्वेंद्र सिंह, रमेश मीणा, अर्जुन बामणिया, बीडी कल्ला, भंवर सिंह भाटी, अमित चाचान, राजकुमार शर्मा, रीटा कुमारी, गिर्राज सिंह मलिंगा.
रोहित बोहरा, ममता भूपेश, प्रताप सिंह खाचरियावास, रफीक खान, महेश जोशी, रघु शर्मा, रामलाल जाट, राजेंद्र यादव, चेतन डूडी, प्रमोद जैन भाया, गणेश घोघरा, सुदर्शन सिंह रावत, उदयलाल आंजना, हरि चौधरी, मदन प्रजापत, मेवाराम जैन, हेमाराम चौधरी, दिव्या मदेरणा, महेंद्र विश्नोई, मंजू मेघवाल, कृष्णा पूनिया, अनिल शर्मा, हाकम अली, वीरेंद्र सिंह,और गुरमीत कुन्नर.