Monkey Pox Guideline: मंकीपॉक्स को लेकर केंद्र ने पहले ही अलर्ट जारी कर दिया था। जिसके बाद यूपी बिहार समेत कई राज्य भी सतर्क हो गए थे। इससे बचाव के लिए केंद्र ने मंकीपॉक्स के रोगियों के लिए गाइडलाइन भी जारी कर दी थी। जिसमें कई दिशा- निर्देशों को सिलसिलेवार तरीके से बताया गया था।
ये हैं केंद्र की जारी गाइडलाइन
केंद्र के दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि जो स्वास्थ्यकर्मी मंकीपॉक्स के रोगियों या संभावित रूप से दूषित सामग्री के असुरक्षित संपर्क में हैं, उन्हें लक्षणहीन होने पर ड्यूटी से बाहर रखने की जरूरत नहीं है। लेकिन 21 दिन के लिए उन्हें निगरानी में रखना होगा। गाइडलाइन के मुताबिक संक्रमित व्यक्ति को तीन लेयर वाला मास्क पहनना होगा। इसके अलावा बताया गया है कि त्वचा के घावों को हरसंभव सीमा तक ढककर रखना है, जिससे कि दूसरे लोगों के इसके संपर्क में आने का जोखिम कम हो सके।
केंद्र ने कहा कि मरीजों को तब तक आइसोलेशन में रहना है, जब तक कि सभी घाव ठीक नहीं हो जाते और पपड़ी पूरी तरह से गिर नहीं जाती। संपर्क की पहचान करने की प्रक्रिया के बारे में एक अधिकारी ने कहा कि कोई व्यक्ति जो संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आमने-सामने, सीधे शारीरिक संपर्क के माध्यम से आता है, या दूषित सामग्री जैसे कपड़े या बिस्तर के संपर्क में आता है, उसे प्राथमिक संपर्क के रूप में पहचाना जाता है।
क्या है मंकीपॉक्स के लक्षण
मंकीपॉक्स आम तौर पर बुखार, सिरदर्द, तीन सप्ताह तक चकत्ते, गले में खराश, खांसी और अंगों में सूजन के साथ उभरता है। लक्षणों में घाव भी शामिल होते हैं, जो आम तौर पर बुखार की शुरुआत के एक से तीन दिनों के भीतर दिखाई देते हैं और लगभग दो से चार सप्ताह तक चलते हैं। खुजली के साथ स्वस्थ होने का चरण आने तक इनमें अकसर दर्द होता है।
पूरे देश में अब तक 4 मामले
रे देश में अभी तक 4 मंकीपॉक्स के मामलों की पुष्टि हुई है। वही कल दिल्ली में एक मंकीपॉक्स का संदिग्ध मिला था। हालांकि उसे LNJP अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है। उसका सैंपल पुणे की लैब में भेजा गया है। इसके अलावा बिहार के पटना में भी एक संदिग्ध मिलने की खबर सामने आई है। बता दें कि अभी तक 3 मंकीपॉक्स के मामलों की पुष्टि केरल से और 1 मामला दिल्ली से आया है।