जयपुर: राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर कांग्रेस लगातार मंथन मोड में है जहां पिछले कई दिनों से प्रदेश कांग्रेस के नेताओं का दिल्ली आना-जाना लगा हुआ है. वहीं अब मिली जानकारी के मुताबिक राजस्थान चुनावों को लेकर रणनीति और चुनावी तैयारियों को लेकर गुरुवार, 6 जुलाई को दिल्ली में एक अहम बैठक होने जा रही है जहां कांग्रेस आलाकमान मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी राजस्थान कांग्रेस के नेताओं की बैठक लेंगे जहां राजस्थान से करीब 30 नेता शामिल होंगे.
बताया जा रहा है कि बैठक में तकरीबन सभी प्रमुख मंत्रियों को बुलाया गया है. हालांकि चोट की वजह से सीएम अशोक गहलोत वर्चुअली जुड़ सकते हैं. इसके अलावा बैठक में प्रभारी सुखजिंदर रंधावा, पीसीसी चीफ डोटासरा, भंवर जितेंद्र सिंह, रघुवीर सिंह मीणा, हरीश चौधरी, रघु शर्मा, ममता भूपेश, परसादी लाल मीणा समेत प्रमुख नेता शामिल होंगे.
बता दें कि बैठक में राहुल गांधी और खरगे चुनावी रणनीति को लेकर नेताओं से सवाल-जवाब करते हुए फीडबैक लेंगे. वहीं सभी नेताओं से चुनाव जीतने के प्लान के बारे में सुझाव लिए जाएंगे जहां हर नेता अपना विचार और सुझाव रखेगा. इसके अलावा आने वाले दिनों में खरगे और राहुल गांधी के राजस्थान दौरे को लेकर भी चर्चा की जाएगी. इसके साथ ही संगठन की गतिविधियों को डोटासरा और तीनों सहप्रभारी अपने जिलों का फीडबैक आलाकमान के सामने रखेंगे.
कैसे फतह करें राज्य..दिल्ली में होगा मंथन
दरअसल हिमाचल और कर्नाटक विधानसभा चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस बेहद जोश में दिख रही है और अब 2024 के रण से पहले राज्यों के घमासान को लेकर कांग्रेस ने कमर कस ली है जहां सियासी सेमीफाइनल के लिए कांग्रेस हाईकमान अलग तरह की रणनीति पर चलना चाहता है.
मालूम हो कि इस साल राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में चुनाव होने हैं ऐसे में कांग्रेस हाईकमान इन राज्यों के चुनाव को 2024 आमचुनाव से पहले सेमीफाइनल मुकाबला मानकर देख रहा है. इससे पहले राजस्थान को छोड़कर राहुल गांधी और मलिकार्जुन खरगे बाकी राज्यों के नेताओं के साथ चुनावी प्लानिंग को लेकर बैठक ले चुके हैं और अब कल राजस्थान की चुनावी रणनीति का खाका तैयार करने की बारी है.
पहले भी हो चुकी है कई बैठकें
गौरतलब है कि पिछले महीने 27-28 जून को भी राजस्थान के मसले पर दिल्ली में कांग्रेस आलाकमान ने बैठक ली थी जिसमें रंधावा, डोटासरा और कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल समेत तीनों सह प्रभारी मौजूद थे जहां तीनों सह प्रभारियों ने जिलों का फीडबैक दिया था. वहीं बताया जा रहा है कि पार्टी में कई जिलाध्यक्षों की नियुक्ति अभी तक नहीं हुई है और बीते 3 साल से संगठन में खाली पड़े इन पदों को भी भरने के लिए मंथन लगातार चल रहा है. अब बताया जा रहा है कि इन नामों पर आखिरी मुहर लग सकती है.