PM Modi France Visit : नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज से दो दिवसीय फ्रांस की यात्रा पर है। वे फ्रांस यात्रा पूरी करने के बाद लौटते हुए 15 जुलाई को अबू धाबी जाएगे। पिछले माह अमेरिका की यात्रा के बाद पीएम मोदी की फ्रांस यात्रा को राजनयिक क्षेत्रों में बहुत अहम माना जा रहा है। भारतीय विदेश मंत्रालय का कहना है कि यह यात्रा सामारिक, वैज्ञानिक, अकादमिक और आर्थिक सहयोग जैसे विविध क्षेत्रों में भविष्य के सहयोग का रास्ता तलाशने का अवसर प्रदान करेगी। प्रधानमंत्री की यह यात्रा फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के निमंत्रण पर हो रही है।
मोदी 14 जुलाई को फ्रांस में बैस्टिल दिवस समारोह में विशिष्ट अतिथि होंगे। इसमें भारतीय सेना के तीनों अंगों की एक टुकड़ी भी हिस्सा ले रही है। राष्ट्रपति मैक्रों, प्रधानमंत्री के सम्मान में एक राजकीय भोज की मेजबानी करेंगे तथा एक निजी रात्रि भोज भी देंगे। दोनों नेताओं के बीच विविधि विषयों पर व्यापक चर्चा होगी।
प्रधानमंत्री मोदी का फ्रांस के प्रधानमंत्री तथा वहां की सीनेट एवं नेशनल एसेम्बली के अध्यक्षों से मुलाकात का भी कार्यक्रम है। मंत्रालय के बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी यूएई की अपनी यात्रा के दौरान वहां के राष्ट्रपति और अबू धाबी के शासक शेख मोहम्मद बिन जायेद अल नह्यान के साथ वार्ता करेंगे।
भारत के लिए आड़े वक्त का साथी है फ्रांस
फ्रांस के साथ भारत की रणनीति भागीदारी है और वह अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत के साथ खड़ा नजर आता है। भारत ने 1998 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पहल पर परमाणु परीक्षण किए। दनिु या के अधिकांश प्रमुख देशों ने भारत पर प्रतिबंध लगा दिए थे। पश्चिम देश एकदम से भारत के खिलाफ हो गए थे, तब फ्रांस ने भारत का साथ दिया।
राफेल एम लड़ाकू विमानों की खरीद पर करार संभव
पीएम मोदी के दौरे के दौरान दोनों देशों के बीच संभावित रक्षा समझौते पर दुनियाभर की नजर टिकी हुई है। समझा जाता है कि इस यात्रा के दौरान फ्रांस से भारतीय नौसेना के लिए 26 राफेल एम विमानों की खरीद पर समझौता हो सकता है। इन्हें स्वेदश में बने पहले विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत पर तैनात करने की योजना है। भारत ने इसके लिए अमेरिकी विमान एफ-18 सुपर हार्नेट व फ्रांसिसी राफेल एम का तकनीकी परीक्षण किया था। इसके अलावा तीन स्कॉर्पीन श्रेणी के पनडुब्बियों की खरीद को लेकर भी घोषणा हो सकती है। सौदों की लागत 90 हजार करोड़ रुपए हो सकती है।
EU में है भारत का अहम भागीदार
फ्रांस यूरोपियन यूनियन में भी भारत का अहम भागीदार है। वह सुरक्षा परिषद का भी सदस्य है। दोनों देश परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग करते हैं। फ्रांस ने सुरक्षा परिषद में काउंटर टेररिज्म, आतंकियों को प्रतिबंधित करना, मिसाइल कं ट्रोल रिजाइम में भारत का साथ देता रहा है।
परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में बढ़ सकती है दोनों देशों में साझेदारी
फ्रांस परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में भी भारत के साथ साझेदारी बढ़ाना चाहता है। भारत और फ्रांस के बीच परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग के विकास पर 2008 में समझौता हुआ था। भारत की योजना फ्रांस के सहयोग से महाराष्ट्र के जैतापुर में 6 परमाणु रिएक्टन बनाने की है।
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