जयपुर। केन्द्र की हर घर में नल से पानी पिलाने की योजना जल जीवन मिशन को प्रदेश में भ्रष्टाचार की दीमक चाट रही है। हालात यह है कि सरकार में ब्लैक लिस्ट फर्मों को ठेके दिए जा रहे हैं। ये फर्म्स न केवल ट्यूबवेल, पाइप लाइन, टंकी निर्माण घटिया सामग्री इस्तेमाल कर सरकारी पैसे को चूना लगा रही है, बल्कि विभाग में उच्चस्तर पर सांठगांठ करके पुराने कामों काे नया बता कर करोड़ों का भुगतान भी उठा रही है।
ऐसे हुआ खुलासा
मामले का खुलासा राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा की कें द्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत को भेजी गई शिकायत के बाद हुआ। इसकी प्रारंभिक जांच में पाया गया कि फर्म ने महुवा, शाहपुरा और करौली में काम करते हुए घोटाले के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। यही नहीं, विभाग ने इन फर्मों पर इतनी कृपा बरसाई कि काम का सत्यापन होने से पहले ही पूरा भुगतान भी कर डाला। विभाग ने यह टेंडर श्री श्याम ट्बयूवेल कंस्ट्रेक्शन कंपनी, गणपति कंस्ट्रेक्शन कंपनी और अमित कंस्ट्रेक्शन कंपनी को दिया था।
राज्यसभा सांसद मीणा की शिकायत के बाद अब विभाग ने जांच कमेटी से जांच शुरू करवा दी है। अलबत्ता, यह सांप निकलने के बाद लकीर पीटने जैसा है, क्योंकि विभाग फर्मों को पहले ही भुगतान कर उपकृत कर चुका है। मामले में अब विभाग के उच्चाधिकारी पूरी तरह से मौन साधे बैठे हैं।
भ्रष्टाचार की धारा ऊपर से!
ऐसा नहीं है कि ठेकेदारों की इस कारगुजारी की जानकारी विभाग को नहीं थी। शाहपुरा में विभाग के एक सहायक अभियंता ने अधिशाषी अभियंता को पत्र भेज अपने यहां चल रहे घोटाले की बाकायदा जानकारी भी दी। सहायक अभियंता ने शिकायती पत्र में लिखा कि शाहपुरा उपखंड में 41 गांवों तक पानी पहुंचाने के लिए 35 योजनाओंका कार्य आवंटित किया था, लेकिन कार्यों को पूरा नहीं किया गया। सहायक अभियंता की शिकायत पर विभाग ने कोई एक्शन नहीं लिया। सूत्रों की मानें तो शिकायत को उच्चाधिकारियों की जानकारी में आने के बाद भी नजरंदाज कर दिया गया। यही नहीं, शिकायत करने पर विभाग के एक बड़े अधिकारी ने नीचे के अधिकारियों को चुप रहने की हिदायत दे डाली।
केन्द्र से टीम भेजने की मांग
सांसद मीणा ने शिकायत में लिखा कि जेजेएम में स्वीकृत ट्यूबवेल निजी उपयोग के लिए दिया जा रहा है। पाइप डालने के लिए खोदी सड़कों को ठीक नहीं कराया। बिना निर्माण के सड़कों को भुगतान कर दिया गया। महुवा क्षेत्र में जेजेएम के कार्यों में कई जगह पुराने सामान लगाए और नए सामान का भुगतान कर डाला।
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