जयपुर। डॉक्टर बनने का सपना देखने वाले स्टूडेंट्स के सामने मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट में शामिल होना एक अनिवार्य शर्त है लेकिन इस मुश्किल परीक्षा को पास कर पाना एक बड़ी चुनौती है। इसके अलावा देश में मेडिकल सीट्स भी सीमित होने के कारण परीक्षा में पास सभी स्टूडेंट्स एमबीबीएस नहीं कर पाते। ऐसे में स्टूडेंट्स को ऐसे विकल्पों पर ध्यान देना चाहिए जिनके लिए नीट अनिवार्य नहीं है, लेकिन इन प्रोफेशन्स का नेचर पूरी तरह मेडिकल से जुड़ा हुआ है।
इन वैकल्पिक कोर्सेज को करने के बाद स्टूडेंट्स मेडिकल फील्ड में अच्छी जॉब पा सकते हैं। हालांकि इन प्रोफेशनल्स को एमबीबीएस डॉक्टर नहीं कहा जा सकता लेकिन अपने ‘टारगेट ऑडियन्स’ के लिए ये प्रोफेशनल्स एक डॉक्टर के रूप में ही काम करते हैं।
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नर्सिंग
एमबीबीएस के बाद नर्सगिं सबसे अधिक प्रचलित मेडिकल कोर्स है। जिन स्टूडेंट्स की नीट में रैंक अच्छी नहीं है या जिन्होंने नीट नहीं दी है वे 4 वर्षीय बीएससी नर्सगिं कर सकते हैं। इसके बाद स्टाफ नर्स, नर्सशिक्षक, मेडिकल कोडर आदि के रूप में सेवाएं दे सकते हैं।
फार्मेसी
फार्मेसी दवा विज्ञान के अंतर्गत आने वाले हैं विभिन्न विषयों जैसे कि ड्रग सेफ्टी, खोज, मेडिकल केमिस्ट्री, औद्योगिक फार्मेसी आदि के अध्ययन का कोर्स है। फार्मासिस्ट बनने के लिए 12वीं के बाद बी फार्मेसी किया जा सकता है जिसके लिए नीट में शामिल होना जरूरी नहीं है। बी फार्मेसी करने के सरकारी से लेकर निजी क्षेत्र तक कॅ रियर के भरपूर अवसर है। खुद का व्यवसाय भी स्थापित कर सकते हैं।
फिजियोथेरेपी
फिजियोथेरेपी उपचार के उस तरीके के अध्ययन से संबंधित है जिसमें भौतिक बलों जैसे कि ऊष्मा, बिजली, यांत्रिक दबाव और यांत्रिक बलों के माध्यम से उपचार किया जाता है। बैचलर ऑफ फिजियोथैरेपी (बीपीटी) करके स्टूडेंट अपने लिए फिजियोथैरेपिस्ट का कॅ रियर चुन सकते हैं। स्वास्थ्य और फिटनेस क्लिनिक, विशेष स्कूल, फिजियोथेरेपिस्ट आदि के रूप में कॅ रियर को ऊं चाई दे सकते हैं।
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पशु चिकित्सा
पशु चिकित्सा विज्ञान सभी जानवरों के रोगों से संबंधित है। इसके लिए कक्षा 12 के बाद बैचलर इन वेटरनरी साइंस का विकल्प चुन सकते हैं। यह एक स्नातक डिग्री है जो 5.5 वर्ष की होती है। इसके बाद पशु सर्जरी के क्षेत्र में सेवाएं दे सकते हैं। पशुचिकित्सा सर्जन, सहायक पशुचिकित्सक, वेटरनरी फार्मकोलॉजिस्ट, वेटरनरी न्यूरोलॉजिस्ट आदि के रूप में काम कर सकते हैं।
मनोविज्ञान
इस कोर्स में मानव विकास, खेल, स्वास्थ्य, नैदानिक, सामाजिक व्यवहार और संज्ञानात्मक प्रक्रिया जैसे कई उपक्षेत्र शामिल होते हैं। स्टूडेंट्स 12वीं के बाद बिना नीट के बीए ऑनर्स साइकोलॉजी का विकल्प चुन सकते हैं। यह पूर्णकालिक तीन वर्षीय स्नातक डिग्री पाठ्यक्रम है। स्नातक करने के बाद निजी और सरकारी क्षेत्रों कॅ रियर बना सकते हैं।