जैसलमेर/उदयपुर। राजस्थान में बिपरजॉय के तूफानी कहर के बाद अब मानसून की राहत वाली बारिश ने दस्तक दे दी है। मानसून की एंट्री के साथ ही मरुधरा के कई हिस्से लबालब हो गए हैं। प्रदेश में मानसून के आने से जहां बारिश से गर्मी से राहत मिली है, वहीं बारिश से राहत के साथ मौत का मंजर भी देखने को मिल रहा है। साथ ही वर्षाजनित हादसों से जन धन का खासा नुकसान हुआ है।
उदयपुर में देर रात अंदरूनी शहर में मकान की छत और बालकनी गिरने से मां-बेटे और एक चार साल की बच्ची की मौत हो गई। बारिश से मकान ढह गया और तीनों ही मलबे में दब गए। वहीं जैसलमेर जिले में 86 पशुओं की मौत हो गई है। इनमे 56 बकरियां और 30 भेड़ें शामिल है। जानकारी के मुताबिक, जिले के नोख कस्बे से 2 किमी दूर सुनसान जगह पर बिजली गिरने से करीब 86 पशुओं की मौत हो गई। घटना सोमवार देर शाम की है। जब मौसम बिगड़ा और तेज बारिश होने लगी।
इस दौरान मेघवालों की ढाणी कैंप रोड़ के पास भेड़-बकरियां चराने निकले उमर खान ने अपने पशुओं समेत एक घने पेड़ की शरण ले ली। इलाके में करीब 30 मिनट बारिश का दौर चला। इसी दौरान अचानक आकाशीय बिजली पेड़ पर गिर गई। बिजली गिरने से उमर खान जोर के झटके से दूर जा गिरा।
वहीं बिजली गिरने से पेड़ के नीचे खड़ी सभी भेड़ बकरियों की मौत हो गई। पीड़ित पशुपालक उमर खान पुत्र सुल्तान खान ने बताया कि वो सोमवार देर शाम को पशुओं के साथ जब वो घर लौट रहा था उसी दौरान बारिश आई। तब उसने बारिश से बचने के लिए पेड़ की शरण ली।
उसने बताया कि झटका इतना जोर से लगा कि वो दूर जाकर गिरा, लेकिन उसको कोई चोट नहीं आई। बिजली गिरने से पेड़ का तना पूरी तरह से जल गया और पेड़ के नीचे खड़ी 56 बकरियों और 30 भेड़ों की मौत हो गई। घटना के बाद बड़ी संख्या में ग्रामीण मौके पर पहुंचे। इस दौरान नोख थाना पुलिस और तहसीलदार अशोक कुमार भी मौके पर पहुंचे और घटना का मौका मुआयना किया।