जयपुर: राजस्थान सरकार लगातार जनकल्याणकारी योजनाओं का ऐलान करते हुए जनता को सौगात दे रही है जहां सीएम अशोक गहलोत खुद बीते कुछ महीनों से मोर्चा संभाले हुए हैं. इधर सरकार की घोषणाओं और फ्लैगशिप स्कीमों को लेकर बीजेपी लगातार रेवड़ी बांटने का कहते हुए कर्ज के बोझ तले दबे होने के आरोप लगाती रहती है. इस बीच राज्य का आर्थिक लेखा-जोखा सामने आया है जिसमें पता चला है कि राज्य सरकार की औद्योगिक नीतियों, निर्यात प्रोत्साहन कार्यक्रमों एवं अभियानों की सफल क्रियान्विति से निर्यातकों और निर्यात को गति मिली है.
आंकड़ों में देखें तो राजस्थान से वित्तीय वर्ष 2017-18 में 46 हजार 476 करोड़ रुपए का निर्यात हुआ जो कि साल 2022-23 तक बढ़कर 77 हजार 771 करोड़ रुपए से अधिक पहुंच गया है. बता दें कि निर्यात में पिछले 6 सालों में 31 हजार करोड़ रुपए से अधिक की बढ़ोतरी हुई है.
सरकार की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक निर्यात को बढ़ाने में राज्य सरकार की निर्यात प्रोत्साहन प्रक्रिया व दस्तावेजीकरण प्रशिक्षण कार्यक्रम योजना का अहम योगदान रहा है. साल 2012 में शुरू की गई इस योजना के तहत प्रशिक्षण कार्यक्रमों में निर्यात क्षेत्र में करियर बनाने की इच्छा रखने वाले उद्यमियों को निर्यात प्रक्रिया, दस्तावेजों और विश्व के बाजारों की पूरी जानकारी उपलब्ध करवाई जाती है.
2 साल में 10 हजार को मिली ट्रेनिंग
दरअसल राज्य सरकार की निर्यात से संबंधित योजनाओं के तहत पिछले 2 सालों में 10 हजार से अधिक नए निर्यातकों को प्रशिक्षण दिया जाकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर का निर्यातक बनाया गया है. वहीं, निर्यात प्रोत्साहन प्रक्रिया व दस्तावेजीकरण प्रशिक्षण कार्यक्रम में हर साल 500 उद्यमियों को ट्रेंनिग दी जा रही है और इन्हीं प्रशिक्षण कार्यक्रमों से राजस्थान से निर्यात का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है.
नीचे देखें किस वित्तीय वर्ष में कितनी रही निर्यात राशि –
वित्तीय वर्ष – निर्यात राशि
2017-18 – 46476.92 करोड़ रुपए
2018-19 – 51178.41 करोड़ रुपए
2019-20 – 49946.10 करोड़ रुपए
2020-21 – 52764.31 करोड़ रुपए
2021-22 – 71999.72 करोड़ रुपए
2022-23 – 77771.37 करोड़ रुपए
5 साल तक बढ़ाई योजना
वहीं सीएम गहलोत ने योजना की महत्ता एवं उपलब्धियों को देखते हुए अब इसकी अवधि को 5 साल और बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है जहां अब योजना को 31 मार्च, 2028 तक करने का अहम निर्णय लिया गया है. बता दें कि इस योजना का संचालन राजस्थान निर्यात प्रोत्साहन परिषद् के माध्यम से किया जा रहा है जिसमें युवा निर्यातकों को प्रशिक्षण और प्रोत्साहन मिलता है जिससे वे राज्य की औद्योगिक प्रगति में योगदान दे सकें.
वहीं नए निर्यातकों को शिपिंग के साथ ऑनलाइन निर्यात का भी प्रशिक्षण दिया जाता है जिनमें इम्पोर्ट एक्सपोर्ट कोड़, लाइसेंस फॉर एक्सपोर्ट, जीएसटी, प्रोक्योरमेंट, कस्टम क्लीयरनेंस, पेमेंट प्रोसेस, लैटर ऑफ क्रेडिट, बैंकिंग डिलिंग और फॉलोअप तक का प्रशिक्षण दिया जाता है.