जयपुर। जवाहर सर्कल थाना इलाके में एक अस्पताल के खिलाफ मरीज के इलाज में लापरवाही बरतने से मौत का मामला सामने आया है। इस संबंध में मरीज के परिजन ने जवाहर सर्कल में अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ शिकायत दी है। वहीं, मामला सामने आने के बाद चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि जांच कराएंगे। उन्होंने कहा कि मामला मेरी संज्ञान में आया है। इसके लिए मेडिकल बोर्ड गठित कर जांच कराई जाएगी। जांच में यदि अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही सामने आई तो कार्रवाई होगी।
मरीज के परिवार ने आरोप लगाया है कि ऑपरेशन के बाद से ही मरीज की तबीयत लगातार बिगड़ती चली गई और 12 दिन बाद उसकी मौत हो गई। परिवार जब अस्थि चुनने श्मशान पहुंचा तब उन्हें अस्थियों के बीच सर्जिकल कैंची मिली। सर्जीकल कैंची मिलने से मौके पर मौजूद परिजन के होश उड गए, इस संबंध में उन्होनें अस्पताल प्रबंधन को शिकायत की, लेकिन प्रबंधन ने लापरवाही बरतने वाली बात को नकार दिया। इस मामले की गम्भीरता को देखते हुए थानाधिकारी सुरेंद्र सैनी ने एसएमएस मेडिकल कॉलेज अधीक्षक को मेडिकल बोर्ड बना जांच कराने के लिए लिए पत्र लिखने की बात कही है।
सुधार नहीं हुआ, फिर भी किया डिस्चार्ज
शिप्रा पथ थाने के मानसरोवर इलाके के रहने वाले उपेंद्र शर्मा (74) की तबियत खराब होने पर परिवार ने उन्हें फोर्टिस हॉस्पिटल भर्ती कराया था। इस पर चिकित्सकों ने हार्टप्रोब्लम होने पर उनकी सर्जरी कर दी। उपेंद्र के बेटे कमल ने बताया कि अस्पताल में सर्जरी के बाद उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया, जबकि उनकी तबीयत में कोई सुधार नहीं आया था। चिकित्सक से सम्पर्क किया तो उन्होनें कु छ दिन में आराम मिलने की बात कही थी।
आरोप निराधार और दुर्भावनापूर्ण
फोर्टिस अस्पताल के जोनल डायरेक्टर नीरव बंसल ने कहा कि अस्पताल पर लगाया आरोप परिवार का झूठा, निराधार और दुर्भावनापूर्ण दावा है। हमारे पास सर्जरी के बाद की सभी रिपोर्ट और रोगी के एक्स-रे हैं जो पुष्टि करते हैं कि रोगी के शरीर के अंदर कोई सर्जिकल कैंची या कोई अन्य बाहरी वस्तु नहीं थी। फोर्टिस यह सुनिश्चित करने के लिए कड़ेप्रोटोकॉल का पालन करता है कि ऐसी त्रुटियां न हों।