2 Crore Bribery Case : झुंझुनूं। जोधपुर हाईकोर्ट से राहत मिलने के एक दिन बाद ही एसीबी ने 2 करोड़ रिश्वत मामले में निलंबित एएसपी दिव्या मित्तल पर नकेल कसना शुरू कर दिया है। चूरु एसीबी की टीम ने शुक्रवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए चिड़ावा में निलंबित एएसपी दिव्या मित्तल के मकान को सीज कर दिया है। एडिशनल एसपी सबीर खान के नेतृत्व में टीम ने सीज की कार्रवाई की। अजमेर एसीबी न्यायालय ने सर्च वारंट को लेकर मित्तल के मकान की तलाशी के निर्देश दिए थे। जिसके बाद चूरु एसीबी की टीम सुबह झुंझुनूं जिले के चिड़ावा में एसओजी के निलंबित एएसपी दिव्या मित्तल के आवास पर कार्रवाई करने के लिए पहुंची थी। चूरू एसीबी के एएसपी शब्बीर खान ने जानकारी देते हुए बताया कि अजमेर एसीबी न्यायालय के आदेश के बाद चूरू एसीबी की टीम मकान सर्च की कार्रवाई के लिए चिड़ावा पहुंची थी। मकान पर ताला लगा होने के कारण मकान सीज की कार्यवाही की गई है।
दिव्या की गिरफ्तारी पर रोक
बता दें कि दिव्या मित्तल को गुरुवार को ही जोधपुर हाईकोर्ट से राहत मिली थी। हाईकोर्ट जस्टिस नुपूर भाटी की अवकाश कालीन एकल पीठ में याचिका पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने दिव्या की गिरफ्तारी पर रोक के आदेश दिए थे। पुलिस को दिव्या मित्तल के उदयपुर स्थित रिसोर्ट में 67 शराब की बोतलें मिली थी। इस पर अंबामाता थाने में मामला दर्ज हुआ था। एफआईआर रद्द करने व गिरफ्तारी पर रोक को लेकर 5 जून को याचिका दायर की थी। जिस पर गुरुवार को जोधपुर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद जस्टिस नूपुर भाटी ने कहा कि सिर्फ एफआईआर से आरोप तय नहीं किया जा सकता और गिरफ्तारी पर रोक के आदेश दिए थे।
दिव्या के उदयपुर रिसोर्ट पर चला चुका बुलडोजर
2 करोड़ रिश्वत मामले में निलंबित एएसपी दिव्या मित्तल के उदयपुर स्थित रिसोर्ट पर प्रशासन बुलडोजर चलाकर पहले ही निर्माण ध्वस्त कर चुका है। दिव्या मित्तल ने यूआईटी से चिकलवास गांव में फॉर्म हाउस के लिए जमीन की मंजूरी ली थी, लेकिन यहां रिसोर्ट बनाकर कॉमर्शियल उपयोग किया जा रहा था। इस पर यूआईटी ने पहले नोटिस देकर जवाब मांगा। जवाब नहीं मिलने पर यूआईटी टीम ने बुलडोजर चलाकर निर्माण ध्वस्त किया है।
ये है पूरा मामला
बता दें कि साल 2021 में रामगंज और अलवर गेट थाने में दर्ज नशीली दवाओं के मामले की जांच के दौरान निलंबित एएसपी दिव्या मित्तल ने जांच अधिकारी रहते आरोपी सुनील नंदवानी को रामगंज थाने के मुकदमा नम्बर 195 में गिरफ्तार कर रिमांड लिया और बाद में जेल भेज दिया, लेकिन एडीजी के आदेश के बाद भी दो अन्य मामलों में गिरफ्तार नहीं किया था। ऐसे में दिव्या मित्तल पर केस को कमजोर करने और 2 करोड़ रुपए की रिश्वत मांगने का आरोप लगा। जिस पर एसीबी ने अजमेर में 16 जनवरी को दिव्या मित्तल को हिरासत में लिया था। चार्जशीट पेश होने के बाद हाईकोर्ट ने उसे जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए थे। जैसे ही दिव्या मित्तल जेल से निकली तो उसे एसओजी की टीम ने दबोच लिया था। लेकिन, बाद में दिव्या मित्तल हो जमानत मिल गई थी। हालांकि, मित्तल का दलाल बर्खास्त सिपाही सुमित अभी तक फरार है। एसीबी उसकी तलाश में जुटी हुई है।