वाशिंगटन। कहते हैं बुढ़ापे में याददाश्त कमजोर हो जाती है। बुजुर्ग कई बार कुछ पुरानी बातें याद करने की कोशिश करते हैं, लेकिन नहीं कर पाते। इसके साथ ही बोल पाने में भी परेशानी होती है। बात करते-करते थोड़ा रुकते ही भूल जाते हैं कि क्या कह रहे थे। इस तरह की समस्या के बारे में मेडिकल साइंस ने अल्जाइमर का नाम दिया है। सवाल यह उठता है कि आखिर दिमाग में वो कौन सा केमिकल लोचा होता है जिसकी वजह से भूलने की बीमारी लग जाती है। दरअसल, अमाइलोएड प्रोटीन और न्यूरांस के बीच कनेक्शन को अल्जाइमर की बड़ी वजह माना जाता है।
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चूहों पर किया प्रयोग
इस संबंध में अमेरिका के बेलर कॉलेज ऑफ मेडिसिन के कुछ एक्सपर्ट ने चूहों पर अध्ययन किया, ताकि अल्जाइमर की वजह के बारे में जाना जा सके, इससे पहले इसी संस्थान में ऐसे चूहे के बारे में अध्ययन किया गया जो मेमोरी लॉस की समस्या का सामना कर रहा था। हालांकि, सी अल्बिकं स फं गस को उसके दिमाग से निकाल लिया गया तो वो सही हो गया। इस तरह के नतीजों को और पुख्ता करने के लिए शोधकर्ताओं ने चूहे के दिमाग में सी अल्बिकं स को सीधे इंजेक्ट किया। कु छ दिन के बाद उसके ब्रेन के अध्ययन में पाया गया कि उस चूहे की स्मृति खत्म हो रही है।
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अल्जाइमर: बाहरी कारक ज्यादा जिम्मेदार
इस अमाइलोएड प्रोटीन और न्यूरांस के कनेक्शन के बारे में अब तक यह माना जाता था कि मस्तिष्क के अंदर ही तनाव या सूजन की वजह से ब्रेन सेल्स प्रभावी तरीके से काम नहीं करती हैं। हाल के वर्षों में अल्जाइमर और पार्किं सन का सामना करने रहे मरीजों के ब्रेन की ऑटोप्सी के बाद पाया गया कि कुछ फंगस इसके लिए जिम्मेदार हैं। इसके बाद यह निष्कर्ष निकाला गया कि अल्जाइमर के लिए आंतरिक की जगह बाहरी कारक ज्यादा जिम्मेदार हैं।