Rajasthan Highcourt : वर्ष 2024 में जजों की नियुक्ति के लिए होता रहा इंतजार, वर्ष 2025 से बड़ी उम्मीदें

Rajasthan Highcourt : राजस्थान की न्यायपालिका के लिए वर्ष 2024 ज्यादा उत्साहजनक नहीं रहा..पिछले चार साल में वर्ष 2024 ही ऐसा साल रहा जब राजस्थान…

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Rajasthan Highcourt : राजस्थान की न्यायपालिका के लिए वर्ष 2024 ज्यादा उत्साहजनक नहीं रहा..पिछले चार साल में वर्ष 2024 ही ऐसा साल रहा जब राजस्थान हाईकोर्ट में एक भी जज की नियुक्ति नहीं हो पायी..वर्ष 2025 राजस्थान हाईकोर्ट के लिए एक उम्मीद का साल हैं.इस वर्ष की शुरुआत में ही नए जजों की खबर सामने आ सकती हैं क्योंकि पिछले सप्ताह ही सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा भेजे गए 3 नाम पर मुहर लगाते हुए नियुक्ति के लिए केन्द्र सरकार को सिफारिश की है. पेश हैं एक रिपोर्ट

तबादलों के जरिए कि गई भरपाई

न्यायपालिका में जजों की नियुक्ति न्याय प्रदान करने में सबसे मजबूत आधार स्तंभ है जो संपूर्ण अदालती प्रणाली को मजबूती प्रदान करती है.कॉलेजियम और सरकार के बीच सब कुछ सही नहीं होने का नुकसान अदालतों को होता रहा हैं. देश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश डी वाई चन्द्रचूड़ के समय में अंतिम समय तक राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा भेजे गए नामों पर कोई निर्णय नहीं हो पाया.

राजस्थान में स्थानीय अधिवक्ताओं और न्यायिक अधिकारियों की नियुक्ति लंबे समय तक पेंडिंग होने के चलते बने दबाव के बाद ही राजस्थान हाईकोर्ट में तबादलों के जरिए दूसरे हाईकोर्ट के जजों को यहां भेजा गया. वर्ष 2022 से फरवरी 2024 तक तबादले जरिए मूल दूसरे हाईकोर्ट से 6 जजों को राजस्थान हाईकोर्ट भेजा गया. हाईकोर्ट में वर्तमान में मुख्य न्यायाधीश एम एम श्रीवास्तव सहित कुल 6 जजों का मूल हाईकोर्ट अन्य हाईकोर्ट है.

कभी नहीं भर पाए 100 प्रतिशत पद

देश की सर्वोच्च अदालत यानी सुप्रीम कोर्ट वर्तमान में अपने स्वीकृत 34 पदों पर पूर्ण संख्या के साथ कार्य कर रहा हैं. यानी कि सर्वोच्च अदालत में फिलहाल 100 प्रतिशत जज नियुक्त किए गए हैं. लेकिन राजस्थान हाईकोर्ट इस मामले में कभी सफल हाईकोर्ट नहीं रहा है जहां 100 प्रतिशत जजों की नियुक्ति हुई हो.

यहां तक राजस्थान हाईकोर्ट में जजों के पद 50 करने के बाद कभी 40 पद भी नहीं भरे गए. वर्ष 2024 राजस्थान की उच्च न्यायपालिका के लिए खासतौर से जजों की नियुक्ति के मामले में निराशाजनक रहा.इसके बावजूद कि देश के कानून मंत्री की जिम्मेदारी बीकानेर सांसद अर्जुन राम मेघवाल पर है..

वर्ष 2025 में होंगे 5 जज रिटायर

कानून मंत्रालय के 1 दिसंबर 2024 के रिकॉर्ड के अनुसार देशभर के 25 हाईकोर्ट में स्वीकृत पदों की कुल संख्या 1122 हैं, इन पदों पर कुल 756 जज कार्यरत थे. यानी कि देश की इन उच्च अदालतों में ही करीब 366 जजों के पद रिक्त हैं. राजस्थान हाईकोर्ट में 50 जजों की स्वीकृत संख्या है. वर्तमान में राजस्थान हाईकोर्ट में 32 जज कार्यरत हैं, यानी राजस्थान हाईकोर्ट में जजों के 18 पद रिक्त हैं.

तीन नए जजों के मिलने के बाद हाईकोर्ट में जजों की संख्या बढकर 35 हो जाएगी. उसके बाद भी स्वीकृत 50 जजों की संख्या से 15 जज कम रहेंगे. लेकिन ये संख्या भी कुछ समय तक ही रहेगी क्योकि वर्ष 2025 में 5 जज रिटायर होने जा रहे हैं.ऐसे में हाई कोर्ट में जजों की संख्या घटकर 30 ही रहने वाली है.

मुख्य न्यायाधीश रहते हुए दूसरी बार..

मुख्य न्यायाधीश रहते हुए जस्टिस एमएम श्रीवास्तव की अध्यक्षता में हुए कॉलेजियम द्वारा अप्रेल 2023 में भेजे गये सभी नाम सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने रिकंसीडर करने के लिए वापस भेज दिए, जिसके बाद मई 2024 में कुछ नए नाम के साथ कंसीडर किए नाम शामिल कर वापस सुप्रीम कोर्ट को फाइल भेजी गयी. इस बार सबक लेते हुए हाई कोर्ट कॉलेजियम ने अधिवक्ताओं और न्यायिक अधिकारियों की अलग अलग फाइल बनाकर भेजी.

मई 2024 में हुए हाई कोर्ट कॉलेजियम ने अधिवक्ता कोटे से आनंद शर्मा, रवि चिरानिया, संदीप तनेजा, अनुरूप सिंघी, शीतल मिर्धा, बलजिंदर सिंह संधु, सुनील बेनीवाल, संदीप शाह, विनय जैन और मुकेश राजपुरोहित के नाम की सिफारिश की है. वही न्यायिक अधिकारी कोटे के मदनलाल भाटी, चन्द्रशेखर शर्मा, संगीता शर्मा, चन्द्र प्रकाश श्रीमाली और प्रमिल माथुर के नाम शामिल रहें.

न्यायिक अधिकारी कोटे से 3 नाम क्लियर

राजस्थान हाई कोर्ट कॉलेजियम द्वारा भेजे गए न्यायिक अधिकारियों के 5 नाम पर सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 22 दिसंबर को बैठक कर तीन नामों पर मुहर लगा दी. सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने राजस्थान हाईकोर्ट के लिए जिला एवं सत्र न्यायाधीश चन्द्रशेखर शर्मा, प्रमिल कुमार माथुर और चंद्र प्रकाश श्रीमाली को जज के रूप में नियुक्त करने के लिए केन्द्र सरकार को सिफारिशें भेज दी है. केन्द्र सरकार अगले कुछ दिनों में ही इन तीन नामों पर मुहर लगाने के साथ ही नियुक्ति के लिए राष्ट्रपति भवन भेज सकती हैं.

नए साल से बहुत ज्यादा उम्मीदें

वर्ष 2025 राजस्थान की न्यायपालिका के साथ साथ हाईकोर्ट के लिए एक उम्मीद का साल हैं.इस वर्ष की शुरुआत में ही नए जजों की खबर सामने आ सकती हैं क्योंकि पिछले सप्ताह ही सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने राजस्थान हाई कोर्ट कॉलेजियम द्वारा भेजे गए न्यायिक अधिकारी कोटे के उम्मीदवारों से संवाद कर 3 नाम की सिफारिश की है तो वही नए साल में वकील कोटे से भी राजस्थान हाईकोर्ट को कुछ नए जज मिल सकते हैं.

दिसंबर के अंतिम सप्ताह तक हाईकोर्ट द्वारा भेजे गये इन अधिवक्ताओं की आईबी रिपोर्ट, कंसर्न कॉलेजियम की टिप्पणियों की कवायद पूर्ण होने की खबर है जिसके बाद जनवरी में सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम इन नामों पर चर्चा कर सकता हैं.