भरतपुर। आरक्षण को लेकर सैनी समाज के आंदोलन में मोहन सिंह सैनी ने आत्महत्या कर ली थी। जिसके बाद कल देर रात उसका पोस्टमार्टम हुआ। उसके बाद आज उसके परिजन अंतिम संस्कार के लिए उसका शव ले गए। आज ही मोहन लाल सैनी का उसके पैतृक गांव में परिजनों की मौजूदगी में उसकी अंतिम क्रिया होगी। मोहन सैनी की मौत से उसके पैतृक गांव गंधार मुड़िया में भी शोक का माहौल है।
एसपी कार्यालय में बैठक में तैयार किया गया लिखित मसौदा
एसपी कार्यालय में मोहन लाल सैनी का शव ले जाने को लेकर एक बैठक आयोजित की गई। जिसमें रेंज आईजी और जिला कलेक्टर भी मौजूद थे। मृतक मोहन सिंह सैनी के परिजनों और सैनी समाज के प्रतिनिधिमंडल की मौजूदगी में एक लिखित मसौदा तैयार किया गया। जिसके बाद परिजनों को मोहनलाल का शव सौंपा गया। इसके बाद आज उसके पैतृक गांव गंधार मुड़िया में उसका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
मांगों पर प्रशासन ने दिया था आश्वासन
बीती देर रात प्रशासन और मोहन लाल सैनी के परिजनों के साथ वार्ता के बाद परिजन उसके पोस्टमार्टम के लिए राजी हुए थे। जिसके बाद मोहन लाल सैनी का पोस्टमार्टम किया गया। मोहन लाल सैनी के भाई केदारनाथ और आरक्षण समिति के प्रतिनिधियों ने बताया कि जिला कलेक्टर आलोक रंजन ने भामाशाह या फिर अन्य माध्यमों के जरिए हमें हर संभव मदद दिलाने का आश्वासन दिया है। साथ ही संविदा पर नौकरी दिलाने के लिए भी कहा है।
हालांकि सैनी समाज का आरक्षण अभी भी जारी है। आज इस आंदोलन को 9 दिन हो चुके हैं हाईवे पर ही प्रदर्शनकारी डटे हुए हैं। जिससे जयपुर-आगरा जाने वाले वाहनों का रूट डायवर्ट किया जा चुका है। उसी रूट से अब तक वाहन आ जा रहे हैं। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए इंटरनेट सेवा की बंदी फिर से बढ़ाई गई है। जो आज रात 12:00 बजे तक जारी रहेगी।
कल एक और व्यक्ति ने जान देने के लिए पिया पेट्रोल
मोहन लाल सैनी आत्महत्या के बाद आज एक आंदोलनकारी ने अपनी जान देने के लिए पेट्रोल पी लिया। जिससे आंदोलन स्थल पर अफरा-तफरी मच गई। पेट्रोल पीने वाले व्यक्ति की तबीयत खराब होने के चलते हैं उसे आनन-फानन जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया,जहां उसका इलाज किया गया।
आरक्षण नहीं मिला इसलिए शहीद होना चाहता हूं
पेट्रोल पीने वाले व्यक्ति का नाम ओमप्रकाश कुशवाहा है। उसने पेट्रोल पीने से पहले एक वीडियो भी जारी किया था। जिसमें उसने कहा था कि हमें आरक्षण नहीं दिया गया इसलिए मैं इसमें शहीद होना चाहता हूं। हमें आरक्षण नहीं मिला इसलिए मैंने पेट्रोल पिया है। अपने भाइयों के लिए मुझे शहीद होना है।