जयपुर। राजस्थान को नया मुख्यमंत्री मिलने के साथ ही अब नए मुख्य सचिव की तलाश भी तेज हो गई है। वर्तमान सीएस उषा शर्मा का कार्यकाल 31 दिसंबर को पूरा हो रहा है। 5 दिन बाद प्रदेश को नया प्रशासनिक मुखिया मिल जाएगा। ऐसे में अब मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को नए मुख्य सचिव का चुनाव करना है। माना जा रहा है कि इस बार दिल्ली से ही मुख्य सचिव आएंगे।
राजस्थान के टॉप 10 आईएएस में 5 अभी दिल्ली में काम कर रहे हैं। राजस्थान काडर में अतिरिक्त मुख्य सचिव स्तर के आईएएस शुभ्रा सिंह, संजय मल्होत्रा, वी. श्रीनिवासन, रोहित कुमार सिंह और रजत कुमार मिश्रा इस दौड़ में शामिल हैं। इनके अलावा राजेश्वर सिंह और सुधांश पंत का नाम भी सीएस के लिए भी चल रहा है।
वर्तमान सीएस को जून, 2023 में मिला था एक्सटेंशन
वर्तमान सीएस उषा शर्मा को तत्कालीन गहलोत सरकार ने इसी साल जून माह में एक्सटेंशन दिया था। वे जून, 2023 में रिटायर हो रही थी। इसके बाद उन्हें 6 माह का एक्सटेंशन मिला था। ये छह माह इसी 31 दिसंबर को पूरे हो रहे हैं। ब्यूरोक्रेसी की सर्वोच्च कुर्सी के लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव स्तर के दर्जनभर आईएएस अधिकारी कतार में है।
इस पद के प्रबल दावेदार 5 सीनियर आईएएस अफसरों में से 4 ऐसे हैं, जिनका गृह राज्य उत्तरप्रदेश है। अगर चयन का पैमाना वरिष्ठता रहा तो इस बात की प्रबल संभावना है कि राजस्थान की ब्यूरोक्रेसी की कमान यूपी के किसी असफर के हाथ में हो। इनमें 1988 बैच के सुबोध अग्रवाल इलाहबाद से, 1989 बैच की शुभ्रा सिहं मेरठ से, राजेश्वर सिहं और रोहित कु मार सिहं भी वाराणसी से हैं।
ये भी हैं दावेदार
वी श्रीनिवास, शुभ्रा सिंह, राजेश्वर सिंह, रोहित कुमार सिंह, संजय मल्होत्रा, सुधांश पंत, अभय कुमार, रजत कुमार मिश्रा, तन्मय कुमार, सुबोध अग्रवाल, अखिल अरोड़ा, आलोक, अपर्णा अरोड़ा, शिखर अग्रवाल और संदीप वर्मा प्रदेश में सीएस की कतार में हैं।
हर सरकार ने दोहराई नौकरशाही में बड़े बदलाव की परंपरा
नई सरकार बनने के बाद नौकरशाही बेड़े में बड़े बदलाव की होंगे। अब तक की परंपरा के अनुसार सरकार के शपथ लेते ही आईएएस की तबादला सूचियां जारी हो जाती है। 2013 में शपथ लेते ही वसुंधरा राजे ने पहले 8 और सप्ताहभर में ही 30 अफसरों को बदल दिया था।
ऐसे ही 2018 में शपथ लेते ही अशोक गहलोत ने भी 40 अधिकारियों की जंबो तबादला सूची जारी की थी। वैसे भी मौजूदा पदस्थापन में करीब डेढ़ दर्जन आईएएस ऐसे हैं, जो दो साल से एक ही कुर्सी पर जमे हैं। संभवत: इनको भी इधर-उधर किया जाएगा। नई सरकार सीएस बनाने के साथ ही वित्त, गृह, बिजली और सीएएमओ में नए अधिकारियों को जगह मिलेगी।
नौकरशाही में पसंदीदा का ही रहा है दबदबा
सीएम के शपथ लेते ही इस बार सचिवालय के पॉवर कॉरिडोर की शक्ल बदल सकती है। करीब 25 वर्ष से या तो अशोक गहलोत या फिर वसुंधरा राजे ही मुख्यमंत्री बनती आई हैं। ऐसे में इतने लंबे समय से इनके पसंदीदा अफसरों का ही नौकरशाही में दबदबा कायम रहा था। अब भजनलाल नए चेहरे के तौर पर आए हैं। उन्होंने फिलहाल टी. रविकांत को अस्थायी तौर पर अपना सचिव बनाया है। अब मुख्य सचिव से लेकर वित्त, गृह, बिजली और मुख्यमंत्री सचिवालय में नए अधिकारियों को जगह मिल सकती है।
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