Old Pension Scheme in Rajasthan: राजस्थान में विधानसभा चुनावों के दौरान चर्चा में रही पुरानी पेंशन स्कीम एक बार फिर चर्चा में है जहां इस योजना के भविष्य को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही है. चुनावों से पहले जहां कांग्रेस ने पुरानी पेंशन योजना लागू करने का वादा किया था वहीं बीजेपी ने अपने घोषणापत्र में ऐसी कोई घोषणा नहीं की थी. अब राजस्थान में बीजेपी की सरकार है ऐसे में ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर शंका के बादल मंडराने लगे हैं.
अब मिली ताजा जानकारी के मुताबिक पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा और कांग्रेस विधायक इंदिरा मीणा ने विधानसभा में 22 जनवरी को ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर सवाल लगाया है जहां उसी दिन राज्य की डिप्टी सीएम और वित्त मंत्री दीया कुमारी सदन में इस पर जवाब देंगी.
बताया जा रहा है कि दीया कुमारी के रूख से ही इस योजना के भविष्य का पता चल पाएगा कि राजस्थान के राज्यकर्मियों को पुरानी पेंशन स्कीम का लाभ मिलता रहेगा या नहीं. मालूम हो कि भजनलाल सरकार ने गहलोत सरकार की कई योजनाओं के नाम बदलने के साथ ही समीक्षा करने के संकेत दिए हैं.
कांग्रेस ने किया था OPS का वादा
दरअसल राजस्थान के तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चुनावों से पहले 2022-23 का बजट पेश करते हुए ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने का ऐलान किया था. वहीं बीजेपी ने सरकार बनने पर ओपीएस का वादा नहीं किया था. हालांकि अमित शाह ने चुनावों से पहले ओपीएस को लेकर पूछे गए एक सवाल पर कमेटी बनाने का कहा था.
दरअसल ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर कांग्रेस की ओर से लगातार यह कहा गया कि कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा के लिए यह जरूरी योजना है और 30-35 साल नौकरी करने के बाद कर्मचारियों के भविष्य के लिए ये बेहद जरूरी है. वहीं इस स्कीम को लेकर यह भी कहा जाता है कि इससे राज्य के आर्थिक ढांचे पर भी भारी बोझ पड़ जाएगा.
वहीं बीते दिनों आरबीआई ने भी एक रिपोर्ट में ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर चिंता जाहिर की थी और कहा था कि राज्यों में पुरानी पेंशन योजना को लागू करने से वित्त पर भारी बोझ पड़ेगा.
22 जनवरी को होगी तस्वीर साफ!
हालांकि बीजेपी शुरू से ही न्यू पेंशन स्कीम (एनपीएस) के पक्ष में रही है ऐसे में अब हर किसी की नजरें 22 जनवरी पर टिकी हुई है क्योंकि इस दिन ओपीएस को लेकर विधानसभा में सवाल सूचीबद्ध हुआ है जहां उस दिन वित्त मंत्री दीया कुमारी सदन में इस पर जवाब देंगी. वहीं कांग्रेस की ओऱ से उन राज्यकर्मियों की संख्या भी पूछी गई है जिन्हें अभी पुरानी पेंशन स्कीम का लाभ मिल रहा है.