जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) ने मंगलवार को प्रदेश में दो डिप्टी सीएम को अयोग्य ठहराने की मांग को खारिज कर दिया है। एक अधिवक्ता द्वारा दायर की गई इस याचिका में दो उपमुख्यमंत्रियों (Deputy CM) के शपथ ग्रहण को चुनौती दी गई थी। इस याचिका में उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी (Diya Kumari) और प्रेम चंद बैरवा (Prem Chand Bairwa) के शपथ को इस आधार पर अयोग्य ठहराने की मांग की गई थी। अधिवक्ता ने अपनी याचिका में कहा था कि उपमुख्यमंत्री का कोई संवैधानिक पद नहीं है और इसलिए उनकी नियुक्तियों को रद्द किया जाए।
अधिवक्ता पर लगाया 25 हजार का जुर्माना…
कार्यवाहक (नामित) मुख्य न्यायाधीश एमएम श्रीवास्तव की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कहा, ‘जनहित याचिका में कोई ठोस सामग्री नहीं है और यह केवल अधिवक्ता द्वारा किया गया प्रचार स्टंट है। इसलिए अदालत ने जनहित याचिका खारिज कर दी और 25,000 रुपए का जुर्माना लगाया। इसका भुगतान याचिकाकर्ता को राज्य सरकार को करना होगा।’
शपथ के 1 दिन बाद लगाई थी याचिका…
बता दें कि 15 दिसंबर को भजनलाल शर्मा राजस्थान मुख्यमंत्री की शपथ ली थी। भजन लाल के साथ दो उप मुख्यमंत्रियों दीया कुमारी और प्रेम चंद बैरवा ने भी शपथ ली थी। शपथ लेने के एक दिन बाद 16 दिसंबर को अधिवक्ता ओम प्रकाश सोलंकी ने जनहित याचिका दायर कर उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी और प्रेम चंद बैरवा की नियुक्ति को इस आधार पर चुनौती दी थी कि उन्हें दिलाई गई शपथ असंवैधानिक है। उन्होंने जनहित याचिका में कहा कि ऐसा कोई संवैधानिक पदनाम नहीं है और उनकी नियुक्ति रद्द की जानी चाहिए।
अदालत का 1 महीने बाद आया फैसला…
अधिवक्ता द्वारा अदालत में याचिका के दायर होने के बाद पूरे राजस्थान में कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गई थीं। हर जगह पर इसी को लेकर चर्चा हो रही थी और लोग एक-दूसरे से डिस्कस कर रहे थे कि अदालत का इस पर क्या फैसला होगा। हालांकि करीब 1 महीने के बाद अदालत ने इस याचिका को खारिज कर दिया है। शुरुआत से लेकर अभी तक इस मामले पर राज्य सरकार के किसी नेता की तरह से कोई बयान नहीं दिया गया है।