अजमेर। राजस्थान के अजमेर के सेंट्रल जेल में 15 जनवरी को मरने वाले कैदी के परिजन ने जेल अधीक्षक, उपाधीक्षक सहित दो प्रहरियों पर हत्या करने का आरोप जड़ा है। इस संबंध में न्यायालय में इस्तगासा भी पेश किया गया। जिस पर न्यायालय ने सिविल लाइन थाना पुलिस को मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। एडवोकेट भगवान सिंह चौहान ने बताया कि बूंदी निवासी परिवादी ने उनके जरिए अपर मुख्य न्यायालय संख्या 3 में एक इस्तगासा पेश किया था। जिसमें उन्होंने कहा कि 15 जनवरी को उनके बेटे राजीव उर्फ राहुल जैन की मौत हुई थी।
उन्होंने कारण जानना चाहा तो उसे किसी भी तरह की जानकारी नहीं दी गई। बाद में जब वह अजमेर के जेएलएन अस्पताल स्थित मोर्चरी में पहुंचे और शव देखा तो सिर पर गंभीर चोट थी। वहीं पूरे शरीर पर भी मारपीट के निशान थे। डॉक्टर ने उन्हें कुल 17 गंभीर चोटें होने की जानकारी दी थी। परिवादी का आरोप है कि उनका बेटा जेल में बंद था और जेल की अव्यवस्थाओं को लेकर मृतक राजीव ने शिकायतें की थी। जिससे जेल अधीक्षक सुमन मालीवाल, उपाधीक्षक लालचंद, प्रहरी श्याम सिंह और रात्रि अधिकारी रेशम सिंह काफी नाराज थे।
परिवादी ने इस्तगासे में यह भी बताया कि अधीक्षक सुमन मालीवाल के कोटा कार्यकाल के दौरान भी मृतक ने जेल की अनियमितताओं की शिकायत की थी, जिस पर मालीवाल ने उसे सबक सिखाने की धमकी भी दी थी। एडवोकेट भगवान सिंह चौहान ने कहा कि परिवादी ने उसके बेटे के साथ जेल में क्रूरता व हिंसा करने साथ ही जेल के कैदियों को भड़काकर भी उसके साथ मारपीट करवाने का आरोप भी जड़ा है।
परिवादी ने उसके बेटे के साथ बेरहमी से मारपीट कर मौत के घाट उतारने के संबंध में न्यायालय के समक्ष इस्तगासा दायर किया और जेल अधीक्षक सुमन मालीवाल सहित अन्य पर कस्टोडियल मर्डर के तहत कार्रवाई करने की मांग की। एडवोकेट ने बताया कि न्यायालय ने परिवादी के इस्तगासे पर प्रसंज्ञान लेते हुए सिविल लाइन थाना पुलिस को मुकदमा दर्ज कर जांच करने के आदेश दिए हैं।
(इनपुट-नवीन वैष्णव)