जयपुर। पुलवामा हमले में शहीद जवानों की वीरांगनाओं और समर्थकों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई का विरोध करते हुए कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने वीरांगनाओं का समर्थन किया। पायलट ने कहा कि वीरांगनाओं के मुद्दे पर कभी भी किसी को राजनीति नहीं करनी चाहिए। अगर वीरांगना कोई मांग रखती है तो उनको मानना या न मानना बाद का विषय है, लेकिन उनके साथ जो पुलिस ने किया, वह स्वीकार्य नहीं है। जिन लोगों ने वर्दी पहनकर देश की सेवा करने का काम किया है, उनके परिजन देश की संपत्ति हैं। उनको मान- सम्मान देना और उनकी मदद करना हर संस्था और सरकार, हर नागरिक और हमारा कर्तव्य है।
पायलट ने पुलिस कार्रवाई की जांच की मांग रखते हुए कहा कि वीरांगनाओं की मांगों को संवेदनशीलता से बैठकर सुनना जरूरी था। तीनों महिलाएं मेरे पास भी आईं थीं। मैंने उनकी बातों को सुना व खाना खिलाया, लेकिन उन्हें रात के समय में इस तरह हटाकर कार्रवाई करना उचित नहीं है। किसी व्यक्ति ने इस तरह की कार्रवाई करवाई है तो उसकी जांच करवाकर उस पर कार्रवाई की जानी चाहिए। इस मुद्दे पर किसी को भी राजनीति नहीं करनी चाहिए। सभी को अपनी बात रखने का अधिकार है। धरना देकर मांग रखना लोकतंत्र की पहचान है। इसमें किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए।
मीणा से मिलने अस्पताल पहुंचे कई भाजपा नेता
वीरांगनाओं के समर्थन के दौरान पुलिस कार्रवाई में घायल हुए किरोड़ीलाल मीणा से एसएमएस में मिलने के लिए भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां, राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ और भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष डॉ. अरुण चतुर्वेदी सहित बड़ी संख्या में भाजपा नेता पंहुचे। इस दौरान राठौड़ ने कहा कि पिछले 11 दिनों से शहीदों की अंत्येष्टि पर सरकार के मंत्रियों कीओर से की गई घोषणा को अमलीजामा नहीं पहनाने पर दिए जा रहे धरने को पुलिस ने लाठी के दम पर कुचलने का काम किया है।वहीं राजसमंद से सांसद दीया कुमारी ने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए हमला बोला। दीया कु मारी ने कहा कि प्रदेश में जनसेवकों के साथ अपराधियों की तरह व्यवहार किया जा रहा है, जो अति निन्दनीय है। सांसद के रूप में उनके विशेषाधिकार का भी हनन है। सरकार होश में आए, नहीं तो जनता इस बार सबक सिखा देगी।
पुलिस की ज्यादती अलोकतांत्रिक: पूनियां
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने कहा कि वीरांगनाओं के अधिकार के लिए शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा के साथ पुलिस की ज्यादती अलोकतांत्रिक है। उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार का तानाशाही रवैया दरुाचार की पराकाष्ठा है।