जयपुर। राजस्थान में मौसम के बदवाल के साथ ही मौसमी बीमारियां तेजी से फैल रही है। वहीं इन दिनों एक अजीब बीमारी तेजी से फैल रही है। यह बीमारी पहले बच्चों को निशाना बनाती थी, लेकिन अब बड़ों को भी चपेट में ले रही है। दरअसल, राजस्थान में इन दिनों तेजी के एक वायरस फैल रहा है। इस वायरस का नाम ‘मंप्स’ बताया जा रहा है। इस वायरस के शिकार हुए लोग सुनने की क्षमता खो चुके हैं या फिर उनकी सुनने की क्षमता कम हो गई है। यानी मरीज बहरेपन के शिकार हो गए हैं। प्रदेश के सबसे बड़े एसएमएस अस्पताल समेत अन्य अस्पतालों में वायरस के मरीज आने शुरू हो गए है।
सरकारी हॉस्पिटलों में टीका उपलब्ध नहीं
जानकारी के अनुसार, इस वायरस की चपेट में आने से कई बच्चों के साथ बड़े लोग भी सुनने की क्षमता पूरी तरह से खो चुके हैं। सबसे बड़ी समस्या ये है कि सरकारी अस्पतालों में इस वायरस का टीका उपलब्ध नहीं है और ये संक्रमण तेजी से फैलता जा रहा है। मंप्स वायरस के जितने मामले एक साल में नहीं आते थे, उतने मामले अब पूरे दिन में आ रहे हैं।
बता दें कि पिछले कुछ साल में हजारों मरीजों में कुछ ही मरीज मंप्स के शिकार होते थे, लेकिन इन दिनों मरीजों की संख्या में अचानक बढोतरी हुई है। मंप्स की रोकथाम के लिए राज्य सरकार ने अब गाइडलाइन जारी की है।
मंप्स रोग पर नियंत्रण के लिए गाइडलाइन जारी
संक्रामक रोक मंप्स पर नियंत्रण और रोकथाम के लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह के निर्देश पर चिकित्सा विभाग ने गाइडलाइन जारी की है। इस गाइड लाइन के मुताबिक मंप्स रोग संक्रमण के लक्षण रोगी के संपर्क में आने के बाद 2 से 3 सप्ताह में प्रकट होते हैं और 10 से 14 दिनों तक रोगी को प्रभावित करते हैं। इस रोग के होने पर मरीज के अंडकोष, स्तन, मस्तिष्क, अंडाशय, अग्नाशय, रीढ़ की हड्डी में सूजन हो सकती है। साथ ही, असाधारण स्थितियों में कुछ दुर्लभ केसेज में बहरापन की स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है। ऐसे मरीजों को अन्य व्यक्तियों से दूरी बनाए रखने और घर पर आराम करने की अपील की है।
क्या है और कैसे फैलता है मंप्स वायरस ?
मंप्स वायरस मुख्य तौर पर सलाइवरी ग्लैंड को प्रभावित करता है। इस वायरस के कारण सलाइवरी ग्लैंड्स में सूजन आती है। एक रिपोर्ट के अनुसार, इस वायरस के लक्षण शुरुआती समय में नहीं बल्कि वायरस की चपेट में आने के 2 से 3 सप्ताह बाद दिखाई देते हैं। मंप्स वायरस 2 से 12 साल के बच्चों पर अधिक प्रभावी होता है, लेकिन इस समय बड़ों में भी इसके मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। लोग खांसते-छींकते हुए अस्पताल पहुंच रहे हैं। बता दें कि ये वायरस खांसने और छींकने से एक से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। इतना ही नहीं, गंभीर मामलों में ये वायरस हार्ट, किडनी और ब्रेन पर भी असर डालता है।
फ्लू से अलग है ये वायरस
मंप्स संक्रमण के लक्षण फ्लू जैसे ही होते हैं। फ्लू के जैसे ही इसमें भी लोगों को खांसी, छींक, सिरदर्द और तेज बुखार आता है। इसके अलावा कान के आस-पास सूजन और तेज दर्द भी इसका एक लक्षण है। कान और मुंह के आस-पास आई सूजन से कानों पर भी इस संक्रमण का असर होता है। इन्हें सामान्य समझकर नजरअंदाज करने की गलती मत कीजिएगा। तुरंत अपने डॉक्टर से परामर्श लीजिए। जानकारी के अनुसार, तीन में से एक मरीज ऐसे होते हैं, जिसमें किसी प्रकार के लक्षण नहीं दिखाई देते हैं। वही अन्य मरीजों में संक्रमण की चपेट में आने के 2 से तीन सप्ताह बाद लक्षण दिखाई देते हैं।
बच्चे, बड़े भी हो रहे वायरस का शिकार
जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल के ईएनटी विभाग के सीनियर शिक्षक ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि, अभी मंप्स का सीजन चल रहा है। इसका प्रभाव अप्रैल तक देखने को मिलेगा। राजस्थान के कोटा, बीकानेर, सवाई माधोपुर, अजमेर और सीकर जैसे क्षेत्रों में मंप्स के मामले बढ़ रहे हैं। उन्होंने आगे जानकारी देते हुए बताया कि इस संक्रमण की चपेट में बच्चों से लेकर बड़े सभी उम्र के लोग आ रहे हैं।