जयपुर। प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के मिशन रिपीट अभियान को लेकर बनाई आठ कमेटियों में से पार्टी की स्ट्रेटेजिक कमेटी की पहली बैठक पीसीसी वॉर रूम में हुई। इस बैठक में कमेटी अध्यक्ष हरीश चौधरी, सीडब्ल्यूसी सदस्य सचिन पायलट सहित कमेटी सदस्यों ने आगामी विधानसभा चुनाव की रणनीति पर मंथन किया। बैठक के बाद हरीश चौधरी ने बताया कि बैठक में चुनाव रणनीति और मुद्दों पर हुई चर्चा हुई।
वहीं कांग्रेस के मिर्धा परिवार से आने वाली पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा के कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने को लेकर भी टिप्पणी की। चौधरी ने मिर्धा इस फैसले को लेकर अपनी ही पार्टी के वरिष्ठ नेताओं पर सवाल उठाए और कांग्रेस के चुनिंदा नेताओं पर हनुमान बेनीवाल से साठ-गांठ करने और कांग्रेस को खींवसर उपचुनाव हरवाने के लिए सौदेबाजी का आरोप लगाया हैं।
सुझाव प्रदेश कांग्रेस और एआईसीसी को दिए जाएंगे
बैठक को लेकर हरीश चौधरी ने कहा कि स्ट्रेटेजिक कमेटी की मीटिंग के दौरान मिले सुझाव प्रदेश कांग्रेस और एआईसीसी को दिए जाएं गे। इसमें सबकी राय बनी है कि कांग्रेसराज में हु ए जनता के बीच विकास कार्यों को लेकर जाएंगे। भाजपा को कु प्रचार को कैसे जवाब दिया जाए। बूथ लेवल स्तर तक गहलोत सरकार की योजनाओं को ले जाकर प्रचार कराएं तो सरकार रिपीट होगी।
ईमानदारी का खामियाजा भुगता ज्योति मिर्धा ने
खींवसर उपचुनाव में ईमानदारी से कांग्रेस पार्टी के लिए काम किया। नागौर में एक प्रभारी के तौर पर यह मैं कह सकता हूं। उस ईमानदारी से काम करने का उन्हें खामियाजा भुगतना पड़ा। मारवाड़ कांग्रेस का बहुत बड़ा गढ़ हुआ करता था। उस मारवाड़ में पाली, जालोर, सिरोही में आज कांग्रेस का नाम नहीं बचा। हमारी पुरानी पीढ़ी ने हमें मारवाड़ में बहुत मजबूत कांग्रेस सौंपी। हम कांग्रेस की क्या हालत बना रहे हैं? हम अगली पीढ़ी को क्या देकर जा रहे हैं? क्या यह हमारी जिम्मेदारी नहीं बनती कि हम अगली पीढ़ी को सौंपें। कांग्रेस की मारवाड़ में इस तरह की हालत किस कारण से हो रही हैं। इन सब पर हमें सोचना होगा।
मिर्धा परिवार कांग्रेस की पहचान रहा: चौधरी
चौधरी ने कहा कि ज्योति मिर्धा के भाजपा में शामिल होना कांग्रेस के लिए बड़ा नुकसान और शोध का विषय हैं। मिर्धा परिवार कांग्रेस की पहचान रहा। 5 साल में नागौर में ऐसा क्या हुआ कि खींवसर विधानसभा उपचुनाव के समय जी जान से पार्टी के साथ लगने वाली ज्योति को पार्टी छोड़नी पड़ी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नागौर में बहुत मजबूत थी, वहां कभी सौदेबाजी या सुपारी की राजनीति नहीं होती थी।
यह सौदेबाजी और सुपारी की नई संस्कृति राजस्थान की राजनीति में लाने का प्रयास किया जा रहा है। हरीश बोले कि खींवसर उपचुनाव का निष्पक्ष आंकलन कर लीजिए। किसके इशारे पर खींवसर उपचुनाव हराया गया था। सौदेबाजी की वजह से खींवसर उप चुनाव हारे थे। उपचुनाव की हार जांच का विषय है। खींवसर उप चुनाव में सौदेबाजी हुई थी। यह तो दनिु या ने देखी है।
भाजपा में आंतरिक लोकतंत्र नहीं बचा
वहीं हरीश चौधरी ने कै लाश मेघवाल को पार्टी से निलंबित करने के को लेकर कहा कि भाजपा में आंतरिक लोकतंत्र नहीं है,वहां के वल आदेश चलता है। कोई अपनी आवाज नहीं उठा सकता। विधानसभा चुनाव में क्षेत्रीय दलों के साथ गठबंधन पर हरीश चौधरी ने कहा कि पिछले चुनाव में कुछ दलों के साथ पार्टी ने गठबंधन किया था, लेकिन उन क्षेत्रों में पार्टी का कार्यकर्ता आहत हुआ हैं।
ऐसे में हमारा मानना है कि कांग्रेस पार्टी सक्षम है और बिना किसी के गठबंधन चुनाव लड़ना चाहिए। अंतिम निर्णय पार्टी हाई कमान करेगा। आरएलपी पार्टी के हनुमान बेनीवाल के साथ गठबंधन की संभावना पर कहा कि गठबंधन विचार,विचारधारा और नीयत देखकर होता है। जिसकी विचारधारा कांग्रेस से मेल खाए, उसे ही कांग्रेस कार्यकर्ता स्वीकार कर सकता हैं। इसलिए कोई सच्चा कांग्रेसी बेनीवाल से गठबंधन करना तो दर सोच भी कै से सकता हैं।
ये खबर भी पढ़ें:-अब सफाई कर्मचारी बनने के लिए देना होगा प्रेक्टिकल EXAM, हाईकोर्ट ने भर्ती का रास्ता किया साफ