Advocate General of Rajasthan: राजस्थान हाईकोर्ट की फटकार के बाद आखिरकार राज्य सरकार ने राजस्थान में एडवोकेट जनरल की नियुक्ति कर दी है जहां राज्यपाल कलराज मिश्र ने सरकार के राजेंद्र प्रसाद को महाधिवक्ता बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी के आदेश जारी किए हैं. अब वरिष्ठ अधिवक्ता राजेंद्र प्रसाद राज्य सरकार के महाधिवक्ता होंगे. वहीं प्रसाद की नियुक्ति के आदेश विधि विभाग विधिवत रूप से जारी करेगा.
मालूम हो कि दो दिन पहले जोधपुर हाईकोर्ट ने सरकार से महाअधिवक्ताओं व अतिरिक्त अधिवक्ताओं की नियुक्ति को लेकर नाराजगी जाहिर की थी और सरकार से 5 फरवरी तक जवाब मांगा था. वहीं कोर्ट के सख्त रुख के अगले ही दिन सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल की नियुक्ति कर दी गई.
बता दें कि वरिष्ठ वकील राजेंद्र प्रसाद वसुंधरा राजे सरकार में अतिरिक्त महाधिवक्ता रहे हैं जिन्होंने 1985 से वकालत शुरू की थी. वहीं एजी की नियुक्ति को लेकर एडवोकेट रविन्द्र कुमार माथुर ने कोर्ट में याचिका लगाई थी. इस याचिका में कोर्ट से कहा गया था कि सरकार बनने के करीब 2 महीने होने के बाद भी महाअधिवक्ताओं व अतिरिक्त अधिवक्ताओं की नियुक्ति नहीं की गई है.
1985 में शुरू की थी वकालत
जानकारी के मुताबिक राजेंद्र प्रसाद ने एलएलबी करने के बाद साल 1985 में वकालत शुरू की थी. इसके बाद 2014 से 2018 तक वसुंधरा सरकार में वह अतिरिक्त महाधिवक्ता रह चुके हैं. इस दौरान ही साल 2016 में उन्हें हाईकोर्ट प्रशासन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता बनाया गया था.
हाईकोर्ट ने लगाई थी फटकार
मालूम हो कि राजस्थान में नई सरकार के गठन के बाद लंबे समय तक महाधिवक्ता और अतिरिक्त महाधिवक्ताओं की नियुक्ति नहीं होने पर हाईकोर्ट ने हाल में सख्ती दिखाते हुए मुख्य सचिव को भी तलब किया था. बता दें कि हाईकोर्ट में सरकार से जुड़े सभी मामलों की पैरवी एजी व एएजी की ओर से की जाती है लेकिन पिछले दो महीनों ने सरकार से जुड़े हुए कई मामले पेंडिंग चल रहे हैं.
महाधिवक्ता कौन होता है ?
जानकारी के लिए बता दें कि किसी भी राज्य का सर्वोच्च विधि अधिकारी महाधिवक्ता कहा जाता है. महाधिवक्ता राज्य सरकार को कानून संबंधी विषयों पर सलाह देने का काम करता है. इसके अलावा संविधान या किसी अन्य कानून से मिले कर्तव्यों का निर्वहन करना और राज्यपाल की ओर से सौंपे गए कानूनी कर्तव्यों का पालन करना एजी का मुख्य काम होता है.