Eye flu in Rajasthan : जयपुर। राजस्थान में आई फ्लू के बढ़ते मामलों को लेकर अब चिकित्सा विभाग भी अलर्ट मोड पर आ गया है। बारिश के मौसम में तेजी से फैल रहे कंजेक्टिवाइटिस (आईफ्लू) से बचाव के लिए चिकित्सा विभाग ने दिशा-निर्देश जारी किए है। आईफ्लू से बचाव व रोकथाम के लिए चिकित्सा विभाग ने अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग शुभ्रा सिंह के निर्देश पर सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों और प्रमुख चिकित्साधिकारियों को दवाई का स्टॉक रखने और सतर्कता बरतने के निर्देश दिए है।
आंखों के संक्रमण की बीमारी के उपचार के लिए सभी चिकित्सा अधिकारियों को प्रदेशभर के सभी सरकारी अस्पतालों में दवाइयों का स्टॉक उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए है। साथ ही उप स्वास्थ्य केन्द्र स्तर तक आईफ्लू से बचाव एवं रोकथाम की जानकारी का प्रचार-प्रसार करने के लिए कहा गया है।
ये है आई फ्लू के लक्षण
निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. रवि प्रकाश माथुर ने बताया कि कंजेक्टिवाइटिस यानी आई फ्लू एक ऐसा संक्रमण है, जो वायरस या बैक्टीरिया से फैलता है। यह बीमारी बारिश के दिनों में होती है। आंखों में लालपन, सूजन, लिड्स में सूजन और खुजली इस बीमारी के प्रमुख लक्षण है। आंखों में पीलापन और पानी बहना भी इसके लक्षण के रूप में देखे जा रहे हैं। इस दौरान बच्चों में आंखों के संक्रमण के साथ बुखार भी आ सकता है।
बचाव के लिए क्या करें
डॉ. माथुर ने बताया कि इस बीमारी से बचाव के लिए यह जरूरी है कि दिन में बार-बार अपनी आंख और हाथों को धोते रहे। आईफ्लू होने पर काला चश्मा लगाना चाहिए, ताकि संक्रमण दूसरों में नहीं फैले। आईफ्लू होने पर डॉक्टर को दिखाए। संयुक्त निदेशक अंधता निवारण प्रकोष्ठ डॉ. सुनील सिंह ने बताया कि कंजेक्टिवाइटिस से बचाव के लिए नियमित तौर पर हाथों को साबुन से धोना चाहिए।
आंखों को नियमित रूप से साफ पानी से धोयें। जो व्यक्ति इस बीमारी से संक्रमित है वह अपनी टॉवल, रूमाल, तकिया एवं बैडशीट्स आदि किसी अन्य सदस्य के साथ शेयर नहीं करें। अपने आसपास के वातावरण को साफ रखें, साथ ही इन दिनों भीडभाड वाले क्षेत्रों एवं स्विमिंग पूल आदि में जाने से बचें।
अस्पतालों में आधे से ज्यादा मरीज आईफ्लू के
बता दें कि बारिश के दिनों में मौसमी बीमारियों के साथ-साथ आईफ्लू का कहर देखने को मिल रहा है। प्रदेशभर में आईफ्लू के मरीज सबसे ज्यादा सामने आ रहे है। अस्पतालों में हालात ऐसे बने हुए है कि जो मरीज आउटडोर में पहुंच रहे हैं, उनमें से आधे से ज्यादा मरीज आईफ्लू के हैं। खास तौर पर बच्चों में आईफ्लू का असर ज्यादा देखने को मिल रहा है। राजस्थान के सबसे बड़े सवाई मानसिंह अस्पताल में भी आईफ्लू के मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा होता जा रहा है।
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