जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) ने विधानसभा चुनाव (Rajasthan Assembly Election 2023) से पहले मास्टर स्ट्रोक लगाया है। राजस्थान की सबसे बड़ी नहर परियोजना ईआरसीपी (East Rajasthan Canal Project) का कार्य तेज गति से जारी है। सीएम गहलोत ने ईआरसीपी परियोजना (ERCP Project) के निर्माण के लिए 14,200 करोड़ रुपए के वित्तीय प्रस्ताव को मंजूरी दी है।
सीएम गहलोत की स्वीकृति के बाद नवनेरा-गलवा-बीसलपुर-ईसरदा लिंक परियोजना, निर्माणाधीन नवनेरा बैराज एवं ईसरदा बांध, रामगढ़ एवं महलपुर बैराज का निर्माण, नवनेरा बैराज, मेज एनिकट तथा गलवा बांध में पम्पिंग एवं विद्युत स्टेशन स्थापित करने तथा बाढ़ के पानी को संग्रहित करने सहित विभिन्न कार्य पूरे किए जा सकेंगे। साथ ही, बीसलपुर बांध की ऊंचाई 0.5 मीटर बढ़ाने तथा 202.42 किमी लंबे जल परिवहन तंत्र को विकसित करने के कार्य भी किए जा सकेंगे।
इसके अतिरिक्त ईआरसीपी परियोजना के तहत वर्ष 2040 तक जयपुर, अजमेर एवं टोंक जिले की अतिरिक्त पेयजल आवश्यकताओं और जयपुर जिले के शेष ग्रामीण क्षेत्रों हेतु 16.82 टीएमसी पेयजल की अतिरिक्त मांग को ध्यान में रखते हुए जल प्रबंधन के कार्य किए जा सकेंगे।
बता दें कि पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों में सिंचाई तथा पेयजल की समस्या के समाधान के लिए ईआरसीपी एक महत्वाकांक्षी परियोजना है। इसके तहत राज्य की नदियों में उपलब्ध अतिरिक्त पानी जो प्रतिवर्ष यमुना नदी के माध्यम से समुद्र में व्यर्थ बह जाता है, को बांधों के माध्यम से रोककर राज्य में उपयोग में लाया जाएगा। सीएम गहलोत ने बजट 2023-24 में इस परियोजना के अंतर्गत विभिन्न कार्यों के लिए 13 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया था।
इसी बजट घोषणा की अनुपालना में यह स्वीकृति दी गई है। इसके तहत पूर्वी राजस्थान के 13 जिले झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, सवाईमाधोपुर, करौली, धौलपुर, भरतपुर, दौसा, अलवर, जयपुर, अजमेर एवं टोंक को साल 2051 तक पेयजल और सिंचाई का पानी मिलना है।
बता दें कि ईआरसीपी परियोजना प्रोजेक्ट को राष्ट्रीय स्तर का दर्जा दिए जाने की मांग की जा रही है। जिससे कि इस प्रोजेक्ट में लगने वाली कुल लागत की 90 फीसदी राशि केंद्र सरकार से मिल सके। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौसा और मानगढ़ दौरे पर आए थे। तब भी सीएम गहलोत ने ईआरसीपी परियोजना को का मुद्दा उठाया था।