RPSC Second Grade Teacher Recruitment : जयपुर। राजस्थान में प्रतियोगी परीक्षाओं में डमी कैंडिडेट बैठाने के मामले थमने का नाम ले रहे हैं। यह खुलासा राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा की जा रही दस्तावेजों की जांच के दौरान सामने आया है। मूल अभ्यर्थी के स्थान पर डमी कैंडिडेट की परीक्षा देने के 5 प्रकरण ताजा मामले सामने आए हैं।
इन अभ्यर्थियों एवं उनके साथ अपराध में शामिल लोगों के विरूद्ध आयोग सचिव के निर्देश पर अनुभाग अधिकारी ने अजमेर में सिविल लाइन थाना पुलिस में मंगलवार को प्रकरण दर्ज कराया है। इनमें से एक अभ्यर्थी को पुलिस के सुपुर्द भी कर दिया गया है।
आयोग सचिव रामनिवास मेहता ने बताया कि सेकंड ग्रेड सामाजिक विज्ञान परीक्षा की मुख्य सूची 5 दिसंबर 2023 को जारी की गई थी। संबंधित विभाग को अभिस्तावना प्रेषित करने से पूर्व इस सूची में चयनित 1605 अभ्यर्थियों के उपस्थिति-पत्रक एवं ऑनलाइन आवेदन-पत्र पर चस्पा फोटो तथा अन्य विवरणों की जांच आयोग स्तर पर की गई।
4 से 14 सितंबर तक हुई थी पात्रता जांच
जानकारी के अनुसार आयोग ने इन विषय की विचारित सूची 31 अगस्त 2023 को जारी की गई थी। इसमें सम्मिलित अभ्यर्थियों की पात्रता जांच का आयोजन 4 से 14 सितंबर 2023 तक किया गया था। इसके बाद मुख्य सूची को जारी कर अभिस्तावना प्रेषण से पूर्व सूची में सम्मिलित अभ्यर्थियों के दस्तावेजों का पुनः मिलान आयोग के पास उपलब्ध रिकार्ड से किया गया। इसमें संदिग्ध पाए गए अभ्यर्थियों की अभिस्तावना को रोकते हुए व्यक्तिगत सुनवाई के लिए सूचना दी गई।
ऐसे आए पकड़ में
आयोग की जांच में सामने आया कि आरोपी अभ्यर्थी हरीश चंद्र भील पुत्र कांतिलाल रोल नंबर 1440641, जगदीश कु मार पुत्र जवाना राम मेघवाल रोल नंबर 1320961 एवं राजू राम पुत्र छगना राम रोल नंबर 1431315 ने 21 दिसंबर 2022 को आयोजित प्रथम सत्र की सामान्य ज्ञान एवं द्वितीय सत्र की सामाजिक विज्ञान विषय की परीक्षा दी थी। इसमें इन्हों आयोग द्वारा जारी प्रवेश-पत्र में टेंपरिंग कर फोटो एवं जन्म दिनांक में परिवर्तन कर लिया। मगर किन्ही कारणों से आयोग ने इस परीक्षा को रदद़् कर पुनः 30 जुलाई 2023 को करवाया। लेकिन आरोपी अभ्यर्थियों ने प्रवेश-पत्र में फोटो एवं जन्म दिनांक में परिवर्तन किया गया। उसका फोटो भी अलग पाया गया।
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अब तक 10 मामले कराए जा चुके हैं दर्ज
काउंसलिंग के दौरान अभ्यर्थियों के दस्तावेजों की गहन जांच के लिए कार्मिकों को आयोग से प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इससे फर्जी अभ्यर्थी पकड़ में सामने आ रहे हैं। किसी भी प्रकार का संदेह होने की स्थिति में पुनः जांच कार्यविभिन्न स्तरों पर किया जा रहा है। इस प्रक्रिया के परिणाम स्वरूप पकड़े गए डमी व मूल अभ्यर्थियों के विरूद्ध अभी तक 10 प्रकरण दर्ज कराए जा चुके हैं। इसमें 2 प्रकरण 3 व 4 अक्टूबर 2023, 2 प्रकरण 14 तथा 27 दिसंबर 2023 एव 1 प्रकरण 10 जनवरी 2024 को दर्ज कराया जा चुका हैं।
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10 साल तक की सजा का है प्रावधान
प्रकरणों की जांच के दौरान सामने आया कि आरोपी अभ्यर्थियों द्वारा स्वयं के स्थान पर अन्य व्यक्ति को परीक्षा में सम्मिलित कराया गया था। राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम के अध्युपाय) अधिनियम 2022 के अनुसार किसी अन्य व्यक्ति के स्थान पर छद्म रूप से परीक्षा देना तथा परीक्षार्थी की अप्राधिकृत रूप से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष सहायता करना एवं परीक्षा संचालन में किसी भी गतिविधि में अनुचित साधन का उपयोग पूर्णतया निषिद्ध एवं दंडनीय है। ऐसा किए जाने पर 10 वर्ष या आजीवन कारावास तक की सजा एवं 10 लाख से 10 करोड़ रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान है। यह कृत्य संज्ञेय, अजमानतीय एवं गैर-समझौता योग्य अपराध है।