जयपुर। कांग्रेस की सियासत में एक बार फिर से उबाल आता दिखाई दे रहा है। मुख्य सचेतक पद से जलदाय मंत्री महेश जोशी के इस्तीफे पर प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा के जोशी के इस्तीफे पर दिए गए बयान ने सबको चौंका दिया है। रंधावा ने कहा कि यह इस्तीफा 25 सितंबर की घटना और एक व्यक्ति-एक पद फार्मूले का परिणाम है।
रंधावा के जवाब पर मंत्री जोशी ने भी पलटवार कर कहा कि मैंने इस्तीफा दिया, उसे हाईकमान और मुख्यमंत्री ने मंजूर किया। रंधावा ने इसे कार्रवाई का हिस्सा माना, मुझे खुशी इस बात की है कि कार्रवाई भी हो गई और मेरी इच्छा भी पूरी हो गई। मुझे इस बात का इंतजार है कि जिन लोगों ने पार्टी और सरकार को कमजोर करने की कोशिश की, उनके खिलाफ भी कार्रवाई हो ताकि सब कार्यकर्ताओं में बराबरी का संदेश जाए।
जोशी ने अपना यह बयान सोशल मीडिया पर भी साझा किया। जोशी ने कहा कि उन पर इस्तीफे का कोई दबाव नहीं था। जोशी ने कहा कि फैसला चलती विधानसभा के बीच हुआ है। मैं मेरा इस्तीफा विधानसभा के बजट सत्र से पहले दे चुका हूं। मैं तो अक्टूबर महीने से कहता आ रहा हूं कि मुझे एक पद से मुक्ति दी जाए। जब आपने मुझे मंत्री बना दिया तो दोहरी जिम्मेदारी संभालने के बजाय एक तरफ कंसंट्रेट होने दो तो ज्यादा अच्छा है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जोशी का सचेतक पद से इस्तीफा शुक्रवार को स्वीकार किया है। सरकार की तरफ से जारी औपचारिक बयान में कहा गया है कि जोशी ने विधानसभा सत्र से पहले इस्तीफा दिया था।
पायलट की आपत्ति के बाद रंधावा का बयान
रंधावा का यह बयान उस समय आया है जब हाल ही में सचिन पायलट ने 25 सितंबर की घटना पर कोई एक्शन अभी तक नहीं लिए जाने पर आपत्ति जताई थी। पायलट ने कहा था 25 सितंबर को विधायकों की बैठक सोनिया गांधी के निर्देश पर बुलाई गई थी। अगर राज्य में हर पांच साल में सरकार बदलने की परंपरा बदलनी है तो कांग्रेस से जुड़े मामलों पर जल्द फैसला करना होगा।
वो घटना मेरे कार्यकाल की नहीं: रंधावा
25 सितंबर 2022 को विधायक दल की बैठक नहीं होने की घटना पर रंधावा ने कहा कि सह मेरे प्रभारी लगने से पहले का मामला है। इसलिए उस मसले पर तो मुझे कोई रिपोर्ट हाईकमान को भेजनी नहीं है। वह मामला हाईकमान के यहां पेंडिंग पड़ा है। मुझे अगर कोई मामले में डायरेक्शन मिले तो मैं कार्रवाई करूं गा। वहीं रंधावा ने कहा कि सचिन पायलट की कोई नाराजगी नहीं है। यह तो महज मीडिया की बातें है।
गौरतलब है कि 25 सितंबर को सीएम आवास पर विधायक दल की बैठक का बायकॉट करते हुए गहलोत खेमे के विधायकों ने संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल के आवास पर समानांतर बैठक की थी। इसके बाद धर्मेन्द्र राठौड़, धारीवाल और जोशी को नोटिस जारी किए गए थे। बयान से पहले रंधावा ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, पूर्व मंत्री हरीश चौधरी के साथ शुक्रवार सुबह मुख्यमंत्री निवास में गहलोत से मुलाकात की थी।