बीकानेर। सीएम अशोक गहलोत ने आज बीकानेर की धरती से पहली बार केंद्र से 5 मांगे उठाई हैं। उन्होंने ओपीएस समेत चिरंजीवी योजना, शहरी रोजगार गारंटी योजना, सोशल सिक्योरिटी स्कीम और उड़ान योजना को पूरे देश में लागू करने की मांग की। उन्होंने ओपीएस की नीति आयोग के अध्यक्ष की निंदा पर सवाल खड़े किए उन्होंने कहा कि कि इसमें गलत क्या है। अगर कोई भी कर्मचारी कहीं काम करता है तो उसे उसके भविष्य की चिंता होती है। आपने तो आर्मी की पेंशन को ओपीएस में कर दिया है लेकिन बीएसएफ समेत पैरामिलिट्री की पेँशन एनपीएस में डाल दी। आखिर कोई भी कर्मचारी अपने भविष्य की चिंता करेगा तो हम उनकी इस चिंता को कम कर रहे हैं तो क्या गलत है।
सरकारी या प्राइवेट नहीं बल्कि रोजगार हो प्राथमिकता
आज सीएम बीकानेर के बीकाणा में जॉब फेयर के उद्घाटन समारोह में थे। उन्होंने यहां मेगा जॉब फेयर का उद्घाटन किया। कार्यक्रम में सीएम ने युवाओं को उनके नियुक्ति पत्र बांटे। शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने सीएम का स्वागत किया। कार्यक्रम में खेल मंत्री अशोक चांदना भी मौजूद रहे। अशोक चांदना ने बताया कि इस जॉब फेयर में अब तक 1600 लोगों को नौकरी दी जा चुकी है और 30 हजार से ज्यादा रजिस्ट्रेशन हुए हैं। जॉब फेयर का राजकीय पॉलिटेक्निक में इसका आयोजन किया गया है। इस जॉब फेयर में आई हुई कई कंपनियों के साथ एमओयू हुए।
यहां सीएम ने कहा कि यहां बीकानेर में लोगों ने जॉब फेयर को अच्छा रिस्पॉन्स मिला है। बड़े की कम समय में करीब 1600 लोगों को नौकरी मिली है। अब हम कोशिश करेंगे कि छोटे-छोटे जिलों में ऐसे जॉब फेयर लगाए जाएंगे। यहां जो कंपनियां आई हैं,जो एमओयू हुआ है, उसके लिए मैं बधाई देता हूं, आज नौजवानों की संख्या बढ़ती जा रही है। हमें जो अवसर मिलेंगे। सरकारी और गैर सरकारी नौकरी के लिए हम नौकरी देंगे। प्राथमिकता सरकारी या प्राइवेट नहीं बल्कि प्राथमिकता रोजगार होना चाहिए।
रोजगार के लिए बदलनी होगी निवेश-आर्थिक नीति
केंद्र को आड़े हाथ लेते हुए सीएम ने कहा कि भारत सरकार के आंकड़े के मुताबिक 9 लाख 46000 लोग नागरिकता छोड़ चुके हैं। अब इसकी जांच होनी चाहिए। कि आखिर क्यों लोग भारत को छोड़कर जा रहे हैं। ये चिंता का विषय है। रोजगार का जहां तक सवाल है कि किस तरह से हम निवेश लाएं, अपनी आर्थिक नीति बदलें। बड़े-छोटे उद्योग लगें। वे नौकरी दें। ये प्रयास होना चाहिए। सीएम ने कहा कि अभी तक 1 लाख 35 हजार नौकरी हम अब तक दे चुके हैं। 35 हजार इंटरव्यू चल रहे हैं और करीब इतने ही फॉ़र्म अब भरे गए हैं। यानी लगभग 3 लाख लोगों को हम नौकरी दे चुके हैं।
सीएम ने कहा कि नौकरी के लोगों को अंसतुष्ट नहीं होना चाहिए। चाहे वह सरकारी हो प्राइवेट हो। आप के कंधों पर कल के भारत का भविष्य है। बीकानेर में मैं पहली बार कह रहा हूं कि रोजगार के लिए पहले लोग भटकते थे। हमने तो 125 दिन कर दिए 25 दिन बढ़ा दिए। इस 25 दिन का पैसा केंद्र् नहीं दे रहा बल्कि राज्य सरकार दे रही है। अभी बुजुर्गों को 700 रुपए दिए जा रहे है, विधवाओं को भी पेंशन दी जाती है। बाहर के देशों में तो बगैर कहे हर हफ्ते पैसा मिलता है। बुजुर्गों को उनके बुढ़ापे में उसके परिवार का पेट भरे, किसी तरह की परेशानी न हो। इसकी वहां की सरकार चिंता करती है।
केंद्र से उठाई ओपीएस समेत ये 5 मांगे
सीएम ने कहा कि मैं पहली बार बीकानेर की धरती से 5 मांगे उठा रहा हूं केंद्र सरकार से पूरी करने के लिए। ये देशहित में हैं और वो हैं कि पूरे देश में ओपीएस लागू करो, चिरंजीवी योजना पूरे देश में लागू हो, शहरी रोजगार योजना पूरे देश में लागू हो, सोशल सिक्योरिटी पेंशन दी जाए और उड़ान योजना भी पूरे देश में लागू हो। सीएम ने कहा कि इनकी राशि का खर्च 60:40 में होनी चाहिए। यानी 60 प्रतिशत खर्च केंद्र करें औऱ 40 प्रतिशत राज्य करे। मैं आपको बता दूं कि सोशल सिक्योरिटी के नाम पर केंद्र बुजुर्गों को सिर्फ 200 या 300 देती है और ये कहते हैं कि 1 करोड़ लोगों को पेंशन देते हैं, यही नहीं मैं आपको बता दूं कि .े सिर्फ मुश्किल से 20 से 25 लाख लोगों को ही नाममात्र के पैसे दे रहे हैं।
सीएम ने कहा कि उड़ान योजना में हम महिलाओं को 12 सैनेटरी नैपकीन एक साल में दे रहे हैं। इसमें करीब 500 करोड़ रुपए का खर्च आ रहा है। माहवारी के वक्त गांवों में बहुत तकलीफ होती है। गांवों की महिलाओं को बहुत तकलीफ होती है कोई बांझ बन जाती हैं। कैंसर तक हो जाता है। इसलिए इन सभी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए ये योजना हमने शुरू की है। सीएम ने कहा कि महंगाई परिवार को गरीब बना रही है। ऐसे में लोग अपने बच्चों को कैसे पालेंगे। कैसे वो उनका भविष्य बनाएंगे। हमारी योजनाओं से आज 42 लाख लोगों को बिजली का बिल नहीं देना पड़ रहा है। इनें गरीब शामिल हैं। गरीब किसान शामिल हैं। इस तरह से हम कम से कम उनके कुछ तो खर्चे कम रहे हैं।
कंपनियों ने कहा – बच्चों में अंग्रेजी का ज्ञान कम
सीएम ने कहा कि आज हमने अंग्रेजी स्कूल खोले हैं गांवों में। आज के समय के हिसाब से ये इस वक्त की सबसे बड़ी मांग है। अंग्रेजी आज गांव के बच्चे भी सीख सकें। मैं बता दूं कि आज जो कंपनियां इस जॉब फेयर के लिए यहां आई हैं उन्होंने हमें फीडबैक दिए हैं। उन्होंने कहा कि इन बच्चों में अंग्रेजी का ज्ञान कम हैं और दूसरा वे मैनजेमेंट को नहीं समझ रहे हैं। अब ये समस्याएं आगे आने वाले बच्चों के सामने आए इसलिए ये अंग्रेजी खोले गए हैं।
मैंने बचपन में डॉक्टर बनने की कोशिश की, नहीं बन पाया। फिर मैंने खाद-बीज की दुकान खोली, लेकिन मैं कालाबाजारी के सख्त खिलाफ था। मैंने इसके खिलाफ बीड़ा उठाया। इसके बाद मैं जयपुर गया था इंटरव्यू देने। लेकिन तभी मुझे एनएसयूआई का अध्यक्ष बनने का ऑफर मिला। तो आप देखिए भाग्य और कर्म कहां से कहां ले जाता है। मैं आज यहां आया हूं। तो मुझे मेरा इंटरव्यू याद आ जाता है। मैं समझता हूं कि रोजगार की कितनी चिंता सताती है लोगों को, ये मैंने खुद ने महसूस किया है। इसलिए मैं ये हमेशा कोशिश करता हूं कि रोजगार देने के मामले में मुझसे जो हो सकेगा वो मैं करूंगा।
ओपीएस पर नीति आयोग की आलोचना पर दिया जवाब
आज ग्रामीण ओलंपिक खेल कितना सफल हुआ है उसे इसी से समझा जा सकता है। कि अब दूसरे राज्य भी ग्रामीण ओलंपिक भी कराने की चर्चा कर रहे हैं। अब आने वाली 26 जनवरी को हम शहरी ओलंपिक खेल शुरू करने जा रहे हैं। वहीं मीडिया में बात करते हुए अशोक गहलोत ने कहा कि हमने जो उड़ान योजना बनाई है। कितने अखबारों ने कितने पत्रकारों ने इसे कवर किय़ा। ये तो आप लोग सोचिए कि आप लोगों को क्या करना है भाई हम तो अपना काम कर रहे हैं। हमने चिरंजीवी योजना लागू की। इस तरह की कोई योजना अभी तक भारत में नहीं आई। ओपीएस की आलोचना नीति आयोग वाले कर रहे हैं। गहलोत ने कहा कि मैं कहता हूं कि जो भी कर्मचारी हैं वह अपने बुढ़ापे के लिए कुछ तो उम्मीद लगाता है, क्या हम उसे भी नहीं पूरा करें। मैं केंद्र से कहता हूं कि आप इसे पूरे देश में लागू करें। उन्होंने कहा कि सोशल सिक्योरिटी लोगों को मिले। इसमें 60 और 40 का रेशियो होना चाहिए।