अशोक गहलोत ने आणंद के अंकलाव में मीडिया से बात की। उन्होंने कहा कि गुजरात मॉडल खोखला है। पिछले कोरोनाकाल में क्या हाल हुआ हो वह सभी ने देखा है। गुजरात मॉडल नाम की तो कोई चीज ही नहीं है। धीरे-धीरे इस गुजरात मॉडल की पोल खुल रही है। उस वक्त कितने लोग मारे गए यह किसी को नहीं पता। उसके बाद नकली शराब पीकर लोग काफी मर गए। मोरबी हादसे में परसों ही खबर आई थी कि ₹12करोड़ में सिर्फ कुछ लाख रुपए खर्च हुए हैं यानी कि 6% भी रखरखाव में खर्च नहीं हुआ है। इसका लेखा-जोखा कौन देगा। कांग्रेस ने भी इसकी मांग की थी कि जो भी एसआईटी जांच के लिए बनाई गई है। उसमें हाईकोर्ट का एक जज जरूर होना चाहिए ताकि जांच पूरी तरह से पारदर्शिता के साथ हो।
लेकिन यह अभी तक पूरा नहीं हुआ है। कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा को को गुजरात के ग्रामीण क्षेत्रों में काफी प्यार मिल रहा है। जबकि भाजपा की गौरव यात्रा फेल हो रही है। यही बताता है कि जमीन पर किसका काम हुआ है। अशोक गहलोत ने कहा कि लोकतंत्र खतरे में है क्योंकि देश में असहमति का माहौल बढ़ गया है साहित्यकार पत्रकार लेखक केंद्र के दबाव में है राहुल राहुल गांधी की भारत यात्रा केंद्र के इस एजेंडे के खिलाफ निकाली जा रही है। जिसे दक्षिण भारत में काफी प्यार मिला है।यह यात्रा महंगाई, बेरोजगारी के खिलाफ निकाली जा रही है।साथ ही देश में शांति-सद्भाव बना रहे इसके लिए राहुल गांधी इस यात्रा को निकाल रहे हैं।
हमारी सरकार ने सबसे पहले पेश किया था प्रस्ताव
ईडब्ल्यूएस पर कोर्ट के फैसले पर अशोक गहलोत ने कहा कि जब मैं पहली बार मुख्यमंत्री बना था तब लगभग 20 साल पहले मैंने कैबिनेट में एक प्रस्ताव पास किया था जिसमें मैंने ईडब्ल्यूएस के लिए 14% आरक्षण की मांग की थी। लेकिन जब केंद्र में सरकरा बदली, यूपीए की सरकार आई तब पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के नेतृत्व में इसके लिए कमीशन बना दिया गया था।लेकिन 2014 में भाजपा की सरकार आने के बाद इसे 5 सालों तक नजरअंदाज किया। जिसके बाद उन्होंने इसे लागू किया।
सीेएम अशोक गहलोत ने कहा कि हमारी सरकार होती तो हम दबाव रखते, लेकिन अब मोदी सरकरा ने इसे लागू करने में इतना वक्त गंवाया उसमें हम क्या करें। लेकिन जो आज सुप्रीम कोर्ट ने इसे लेकर जो फैसला दिया है इसका मैं स्वागत करता हूं। यहां तक कि मायावती जी ने भी एक बार कहा था कि सामान्य वर्ग को 10 प्रतिसत आरक्षण दिया जाता तो उन्हें भी कोई एतराज नहीं है। आज देश में कोई वर्ग ऐसा नहीं है जो इसा विरोध करेगा।
राजस्थान की स्कीमों को कॉपी कर रहे हैं केजरीवाल
अशोक गहलोत ने आम आदमी के गुजरात में सक्रिय होने के दावे पर कहा कि अरविंद केजरीवाल झूठ बोलते हैं। गुजरात में कोई सक्रिय नहीं है। उन्होंने कहा कि उन्होंने पंजाब में और दिल्ली में सरकार बना ली तो उन्हें लगता है कि वह गुजरात में आ जाएंगे। मैं आपको बता दूं कि दिल्ली एक यूनियन टेरिटरी है वह वहां के मॉडल को जिस मॉडल कहा भी नहीं जा सकता उसे गुजरात और राजस्थान में पेश कर रहे हैं। दिल्ली की जनता तो अब उनके झूठे वादों को देखी रही है। पंजाब में भी वह फेल हो चुकी है। अरविंद केजरीवाल झूठे वादे लेकर दोनों राज्यों की जनता को गुमराह कर रहे हैं और तो और राजस्थान की स्कीमों को गुजरात में लागू करने की बात कर रहे हैं। वह हमारी स्कीमों को कॉपी कर रहे हैं। इससे बड़ा और झूठ जनता के लिए क्या होगा। अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान में जो हमारी घोषणा है और जो योजनाएं लागू हो चुकी हैं, अरविंद केजरीवाल उन्हीं को अपनी बताकर गुजरात में लागू करने का जनता से वादा कर रहे हैं। जनता उनके इस झूठ को देख रही है जिसका जवाब उन्हें चुनाव में देगी।