Vishwakarma Yojna : नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को ‘पीएम विश्वकर्मा योजना’ को मंजूरी प्रदान कर दी। जिस पर 13 हजार करोड़ रुपए का खर्च आएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर कहा था कि यह योजना विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर 17 सितंबर से शुरू की जाएगी।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने इस योजना को मंजूरी दी। इस पर वित्त वर्ष 2023-24 से वित्त वर्ष 2027-28 के बीच पांच वर्षो की अवधि में 13 हजार करोड़ रुपए का खर्च आएगा।
क्या है विश्वकर्मा योजना?
विश्वकर्मा योजना के जरिये ट्रेडिशनल काम करने वालों लोगों को आर्थिक तौर पर मजबूत बनाया जाएगा। योजना के जरिए प्रशिक्षण, मॉडर्न टेक्निक के बारे में जानकारी, ब्रांड का प्रमोशन, लोकल और ग्लोबल मार्केट्स से जुड़ाव, डिजिटल पेमेंट्स और सोशल सेक्योरिटी प्रोवाइड किए जाने का प्रावधान किया जाएगा। सरकार का देश के हर कोने में एक विश्वकर्मा संस्थागत सपोर्ट मुहैया कराना है। इससे लोन लेने में आसानी होगी। साथ ही इसमें कौशल और टेक्निक के क्षेत्र में मदद, डिजिटल इंपॉवरमेंट, कच्चा माल और मार्केटिंग शामिल है।
योजना में ये होंगे शामिल
योजना में 18 पारंपरिक कार्य करने वालों को रखा गया है। इनमें बढ़ई, नौका बनाने वाले, लोहार, हथौड़ा एवं औजार बनाने वाले, सुनार, कुम्हार, पत्थर की कारीगरी करने वाले, चर्मकार, राज मिस्त्री, दरी, झाड़ू एवं टोकरी बनाने वाले, धोबी, दर्जी, मछली पकड़ने का जाल बनाने वाले आदि शामिल हैं।
यह है योजना में प्रावधान
-उपकरणों की खरीद में भी मदद की जाएगी।
-दो प्रकार का कौशल विकास कार्यक्रम होगा, जिसमें पहला ‘बेसिक’ और दूसरा ‘एडवांस’ होगा।
-कौशल प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले लाभार्थियों को प्रतिदिन 500 रुपए के हिसाब से मानदेय दिया जाएगा।
-योजना में प्रथम चरण में एक लाख रुपए का तक कर्ज दिया जाएगा जिस पर रियायती ब्याज (अधिकतम पांच प्रतिशत) देय होगा।
-दूसरे चरण में 2 लाख रुपए रियायती ऋण प्रदान किया जाएगा
-कारीगरों, शिल्पकारों को पीएम विश्वकर्मा प्रमाणपत्र प्रदान कर मान्यता भी दी जाएगी।
-पहचान पत्र भी मिलेगा।
-उपकरण खरीदने के लिए 15 हजार रुपए की मदद।
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