गहलोत सरकार में बनाए गए नए जिलों की समीक्षा पूरी हो चुकी है. पूर्व आईएएस ललित के. पंवार समिति ने रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है. अब सरकार द्वारा रिपोर्ट की समीक्षा की जाएगी. अब कयास है कि मंत्री मंडलीय उप समिति की समीक्षा के बाद नए जिलों की संख्या घट कर आधी सकती है.
दूदू के बजाय सांभर बनेगा जिला
सूत्रों के अनुसार दूदू के बजाय सांभर को जिला बनाए जाने की संभावना ज्यादा है. यहां पर जिला परिषदों के वाडों की संख्या को लेकर पेच फंस रहा है. एक जिला परिषद में वाडॉ की संख्या कम से कम 17 जरूरी है. नए बनाए गए कई जिलों में जिला परिषद के वार्डों की संख्या कम है. अब पहले नए जिलों में जिला परिषदों का गठन भी किया जाएगा.
उप मुख्यमंत्री बेरवा के संयोजन में जिलों की होगी समीक्षा
पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की ओर से बनाए 17 नए जिलों और तीन संभागों की भजनलाल सरकार ने समीक्षा कराई है. इसको लेकर उप मुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा के संयोजन में मंत्रिमंडलीय उप समिति का गठन कर दिया गया है. समिति में उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री कन्हैयालाल चौधरी, राजस्व मंत्री हेमंत मीणा और जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत को सदस्य बनाया गया है.
उनसे जिले का दर्जा वापस लिया जा सकता है
जानकारी के अनुसार कुछ नए जिले मापदंडों में खरे नहीं उतर रहे हैं और कुछ जिले मापदंडों में खरे उतर रहे. नए जिलों में मंडलीय उप समिति खासतौर से इस मुख्य बिन्दु की जाएगी. सूत्रों के अनुसार कोटपूतली-बहरोड़, नीमकाथाना, खैरथल-तिजारा, केकड़ी, दूदू, अनूपगढ़, सांचौर, डीग, गंगापुरसिटी, सलूम्बर, फलौदी और शाहपुरा जिलों से जिलों का दर्जा वापस लिया जा सकता है.
ये बनाए थे नए जिले
गहलोत सरकार ने बालोतरा, ब्यावर, अनूपगढ़, डीडवाना, कुचामन, डीग, दूद्ध, गंगापुर सिटी, जयपुर उत्तर, जयपुर दक्षिण, कोटपूतली-बहरोड़, खैरथल, नीमकाथाना, फलौदी, सलूम्बर, सांचोर, जोधपुर पूर्व, जोधपुर पश्चिम और शाहपुरा बाया नए जिले बनाए थे. इसके साथ ही सीकर, पाली और बांसवाड़ा को संभाग बनाया था. इनकी अधिसूचना जारी कर दी गई थी.