Mock Drill खाटूश्याम जी मंदिर में घुसे दो आतंकवादी, ATS के जवानों ने मिनटों में किया ढेर, जाने क्या था पूरा माजरा

KhatuShyamJi: विश्व प्रसिद्ध धार्मिक नगरी खाटूश्याम जी में आज ATS ने मॉक ड्रिल हैं. मॉक ड्रिल के दौरान दो आतंकवादियों ने श्री श्याम मंदिर कमेटी…

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KhatuShyamJi: विश्व प्रसिद्ध धार्मिक नगरी खाटूश्याम जी में आज ATS ने मॉक ड्रिल हैं. मॉक ड्रिल के दौरान दो आतंकवादियों ने श्री श्याम मंदिर कमेटी के कर्मचारियों को बंधक बना लिया. इसके बाद ATS के जवानों ने दोनों आतंकवादियों को ढेर कर दिया. इस दौरान संपूर्ण खाटूश्याम कस्बे में दहशत मचगई.ATS के जवानों के हाथों में बंदूके देखकर हर कोई हैरान था.

क्या हुआ मॉक ड्रिल में

मॉक ड्रिल के दौरान श्री श्याम मंदिर में स्थित मंदिर कमेटी कार्यालय में दो आतंकवादियों द्वारा कमेटी के कर्मचारियों को बंधक बना लिया. घटना के तुरंत बाद खाटूश्याम जी मंदिर को बंद कर दिया गया. सूचना मिलते ही कमेटी सहित श्याम मंदिर में अफरा तफरी का माहौल हो गया. आतंकवादी घटना की सूचना जब उच्च अधिकारियों को मिली तो उन्होंने एटीएस के जवानों को खाटूश्याम जी भेजा. एटीएस की टीम बड़ी-बड़ी खतरनाक बंदूके लेकर

धीरे-धीरे कर पोजीशन ली कुछ जवान बाबा पार्किंग की ओर से आए और कुछ प्राचीन श्याम मंदिर की ओर से ऐसे करके जवानो ने कमेटी कार्यालय में प्रवेश किया. इसके बाद टीम का नेतृत्व कर रहे SI हरिकिशन ने आतंकवादियों पर अटैक करने का आदेश दिया जिस पर टीम ने कमेटी कार्यालय से दो बदमाशों को पकड़ कर देर किया और बदमाशों द्वारा बंधक बनाए कमेटी कर्मचारी मनीष शर्मा को उनसे बचाया.

खाटूश्याम जी में फैली दहशत

विश्व प्रसिद्ध श्याम जी मंदिर में अचानक ATS के जवानों को बंदूकों सहित मंदिर में भागते हुए देखकर लोग दहशत में आ गए. उसके बाद जब दो आतंकी की मंदिर के अंदर होने की सूचना मिली और जब ये पता चला कि ये पूरी घटना एक ATS की मॉकड्रिल अभ्यास था. तब जाकर सभी ने राहत की सांस ली. इस दौरान मॉकड्रिल में ATS की ERT टीम के SI हरिकिशन, रींगसDPT संजय बोथरा, थानाप्रभारी राजाराम लेघा, कमेटी व्यवस्थापक संतोष शर्मा, कमेटी के विकास शर्मा, मनीष शर्मा, राजेन्द्र शर्मा, नवल शर्मा सहित ERT के 30 जवान मौजूद रहे.

क्या होती है मॉक ड्रिल

मॉक ड्रिल एक तरीके का अभ्यास होता है, जो ATS और सेना के अन्य जवानों द्वारा देश के प्रमुख जगह पर जाकर नाटकीय रूप में घटित घटना की प्रैक्टिस की जाती है. मॉक ड्रिल में सेना के जवानों के द्वारा असली घटना की तरह ही प्रेक्टिस किया जाता है.