जयपुर। भजनलाल सरकार के दो कैबिनेट मंत्रियों के विभागों में टकराव की स्थिति पैदा हो गई है। इस टकराव में कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा (Kirodi Lal Meena) और शिक्षा मंत्री मदन दिलावर (Madan Dilawar) के बीच जोड़कर देखा जा रहा है। इन दोनों मंत्रियों के बीच टकराव की स्थिति पैदा होने पर राजस्थान की सियासत का पारा चढ़ गया है। दरअसल, दोनों मंत्रियों के विभागों के बीच तबादलों को लेकर ‘रार’ सामने आई है।
मामला यह है कि पिछले दिनों कृषि विभाग ने इंजीनियरों के तबादले कर उन्हें जिला परिषद और जिला पंचायत समिति में पोस्टिंग दे दी थी। लेकिन पोस्टिंग के बाद पंचायती राज विभाग ने इन तबादलों पर आपत्ति जताकर यह आदेश मानने से मना कर दिया था। इसके बाद दो विभागों में टकराव की स्थिति बन गई थी। लेकिन अब पंचायतीराज विभाग ने यू-टर्न लेते तबादलों को सही ठहराया है। ऐसे में कहा जा रहा है कि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा के सामने शिक्षा मंत्री मदन दिलावर बैकफुट पर चले गए हैं।
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क्या था मामला
कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा की मंजूरी के बाद किए गए तबादलों को लेकर पहले जिला परिषद और पंचायत समिति विभाग ने तबादलों पर आपत्ति जताते हुए आदेश मानने से इनकार कर दिया था। ग्रामीण विकास विभाग ने सभी जिला परिषद सीईओं को लेटर जारी कर कृषि विभाग से जारी किए गए तबादला आदेशों को नही मानने को कहा था। आदेशों में लिखा था कि कृषि विभाग ने ग्रामीण विकास के पदों पर जिन्हें पोस्टिंग दी है, उन्हें जॉइन नहीं करवाए जाए और जिन्होंने जॉइन कर लिया है, उन्हें तत्काल प्रभाव से मूल विभाग भेज दिया जाए। ऐसा नहीं करने पर कार्रवाई की चेतावनी भी दी थी।
दिलावर के विभाग ने लिया यू-टर्न
किरोड़ी लाल मीणा की मंजूरी मिलने के बाद कृषि विभाग से किए इंजीनियरों के ट्रांसफर पर मंत्री दिलावर के विभाग ने आपत्ति जताते हुए आदेश मानने से इनकार कर दिया था। लेकिन अब पंचायतीराज आयुक्त ने अब दूसरा आदेश निकालकर कृषि विभाग के इंजीनियरों के तबादलों को सही ठहरा दिया है। ऐसे में माना जा रहा है कि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा के सामने मंत्री मदन दिलावर बैकफुट पर चले गए हैं।
जॉइनिंग कराने के दिए आदेश
पंचायती राज आयुक्त रवि जैन ने अब सभी जिला परिषदों को नया लेटर जारी कर 25 जून को जारी आदेश को 27 जून को देर शाम बदल दिया है। नए आदेश में तर्क दिया है कि पहले वाले तबादलों पर आपत्ति नहीं है। अब तर्क दिया है कि विभागीय पदों का मतलब ग्रामीण विकास पंचायतीराज कैडर के लिए जिला परिषदों और पंचायत समितियों में असिस्टेंट इंजीनियर (AEN) और एक्जीक्यूटिव इंजीनियर (Ex.EN) से है।
जलग्रहण विकास और भू-संरक्षण विभाग के इंजीनियरिंग कैडर के स्वीकृत पदों पर पोस्टिंग किए जाने की स्थिति में जॉइनिंग करवाने पर इस विभाग को कोई आपत्ति नहीं है। सभी जिला परिषदों को अब यह ताजा आदेश भेजकर स्पष्टीकरण दिया है।
पहले पोस्टिंग को ठहराया था गलत
पहले पंचायतीराज आयुक्त रवि जैन ने 25 जून को जिला परिषदों के सीईओं को लेटर जारी किया था। जिसमें लिखा था कृषि विभाग ने उनके विभाग के इंजीनियरों के ट्रांसफर पोस्टिंग बिना पंचायतीराज विभाग की मंजूरी से जिला परिषदों, पंचायत समितियों में किया है। कृषि विभाग के इंजीनियरों के तबादले बिना पंचायती विभाग की अनुमति से करना उचित नहीं है।
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कृषि विभाग पंचायती राज विभाग के पदों पर पोस्टिंग करने के लिए सक्षम प्राधिकारी नहीं है। पहले भी कृषि विभाग को बिना विभाग की अनुमति या सहमति के ट्रांसफर, पोस्टिंग नहीं करने के लिए लेटर लिखे गए थे। इसके बावजूद कृषि विभाग, कृषि आयुक्तालय उनके विभाग के इंजीनियरों के ट्रांसफर, पोस्टिंग बिना मंजूरी कर रहा है। इसे विभाग के सक्षम स्तर पर गंभीरता से लिया गया है।
विवाद बढ़ा तो बदला आदेश
पंचायतीराज आयुक्त के आदेशों के बाद किरोड़ी लाल मीणा ने इस पर आपत्ति जाहिर की थी, जिससे विवाद गहराने लगा था। सियासी हलकों में भी यह विवाद चर्चा का विषय बन गया था। जबकि विधानसभा सत्र 5 दिन बाद ही शुरू होना है। कहीं विपक्ष इसको मुद्दा ना बना लें, इसलिए पुराने आदेश को बदल कर हालात सामान्य करने का प्रयास किया गया। विपक्षी इस मुद्दे को विधानसभा में ना भुना सके इसलिए इसमें सुलह का रास्ता अपनाया गया है।