Tarang Shakti: सामरिक नजरिए से देश का सबसे अहम जोधपुर एयर बेस पर चल रहे अब तक के सबसे बडे युद्धाभ्यास तरंग शक्ति का अवलोकन करने के लिए खुद देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जोधपुर पहुंचे और यहां रक्षा मंत्री ने वायुसेना स्टेशन पर चल रहे तरंग शक्ति युद्धाभ्यास 2024 का अवलोकन किया और आसमां में वायुसेना की हैरतअंगेज कलाबाजियां देखी। इस दौरान उन्होंने कहा कि हमारी फोर्स दुनिया में नंबर वन है। इसके बाद राजनाथ सिंह ने डिफेंस एविएशन एक्सपो का भी शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होने कहा कि दुनिया के विकट हालात में भारत का लक्ष्य एक दूसरे का हाथ पकड़कर साथ चलना है,पूरी दुनिया में जिस तरह से बदलाव हो रहे हैं और जिस तरह से पूरी दुनिया के समक्ष नई-नई चुनौतियां आ रही हैं, उसे देखते हुए हमें अपनी भागीदारी व सहयोग को नई ऊंचाई तक ले जाने की जरूरत है.’
भारत सहित आठ देशो के वायुसेना प्रमुखो ने उडाए लडाकू विमान
इस युद्धाभ्यास के दौरान बात करे तो जब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मौजूद रहे तो वायुसेना ने हैरतअंगेज करतब दिखाए। भारत सहित आठ देशों के वायुसेना प्रमुखों ने एक-दूसरे के लड़ाकू विमान उड़ाए। यह नजारा देख रक्षा मंत्री भारतीय वायुसेना की खूब तारीफ की। यहां भारत के साथ अमेरिका, श्रीलंका, ऑस्ट्रेलिया, जापान, श्रीलंका, सिंगापुर और यूएई के एयरफोर्स चीफों ने लड़ाकू विमान उड़ाकर अपनी कलाबाजी दिखाई।
भारत काफी हद तक हो गया है आत्मनिर्भर
भारतीय वायु सेना के अब तक के सबसे बड़े अभ्यास ‘तरंग शक्ति’ में शामिल होने के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के नए संकल्प के साथ भारतीय रक्षा क्षेत्र तेजी से आगे बढ़ रहा. उन्होंने कहा कि रडार, आदि क्षेत्र में भारत काफी हद तक आत्मनिर्भर हो गया है.
आपके अभ्यास को देखकर हो रही गौरव की अनुभूति,रक्षा मंत्री
राजनाथ सिंह ने कहा कि भारतीय वायुसेना अपनी स्थापना के समय से ही अपनी शक्ति और शौर्य के लिए जानी जाती है। देश को जब भी ज़रूरत पड़ी तो वायुसेना ने डटकर सामना किया. आपके अभ्यास को देखते हुए मुझे गौरव की अनुभूति होती है’.आज के वक्त में जहां कई देश युद्ध कर रहे हैं वहीं भारत का लक्ष्य एकजुट रहकर एकसाथ आगे बढ़ना है.ऐसे में हमें अपनी साझेदारी, सहयोग का दायरा बढ़ाना होगा’
इनसे खास तौर पर रक्षा मंत्री ने कही यह बात
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा ‘आज हमारे बीच कई सारे friendly foreign dignitaries भी उपस्थित हैं. मैं उनसे भी यह कहना चाहूंगा,कि आप लोग जब भारत आए हैं, तो भारत की एयरोस्पेस इंडस्ट्री को अच्छे से देखिए, इसका अध्ययन करिए. इस एक्सरसाइज़ के दौरान आप सबको यह अवसर भी मिला है, कि आप विजिट्स के माध्यम से भारतीय रक्षा विनिर्माण उद्योग के फर्स्ट हैंड एक्सपीरियंस को भी प्राप्त करें’.
हम एक दूसरे का हाथ पकडकर चले साथ,राजनाथ सिंह
राजनाथ सिंह ने इस दौरान वायु सेना के युद्ध अभ्यास ‘तरंग शक्ति’ के दौरान अपने संबोधन में कहा, ‘‘आज के समय में जब दुनिया में एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ लगी हुई है. कई स्थानों पर तो अलग-अलग देशों के बीच लगातार युद्ध चल रहे हैं. इन विकट परिस्थितियों में भारत का लक्ष्य यही है कि हम एक दूसरे का हाथ पकड़कर एक साथ चलें.”राजनाथ ने कहा, ‘‘पूरी दुनिया में जिस तरह से बदलाव हो रहे हैं और जिस तरह से पूरी दुनिया के समक्ष नई-नई चुनौतियां आ रही हैं, उसे देखते हुए हमें अपनी भागीदारी व सहयोग को नई ऊंचाई तक ले जाने की जरूरत है.” उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के नए संकल्प के साथ भारतीय रक्षा क्षेत्र तेजी से आगे बढ़ रहा है और आज दुनिया भर के श्रेष्ठ और आधुनिक विमानों तथा अगली पीढ़ी के उपकरणों के साथ, भारतीय वायुसेना ने खुद का रूपांतरण किया है.