पूर्ववर्ती सरकार के 17 जिले बढ़ाने से प्रदेश में 50 जिले हो गए हैं और वर्तमान सरकार नए जिलों की समीक्षा कर रही है. इस मामले पर राजस्थान सरकार में संसदीय कार्य विभाग, विधि एवं विधिक कार्य और विधि परामर्शी कार्यालय एवं न्याय विभाग मंत्री जोगाराम पटेल ने जोधपुर प्रवास के दौरान कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने जो जिले बनाए है उनकी समीक्षा की जा रही है अगर नॉम्स के तहत जो जिले बनाए गए है उनको बिल्कुल भी डरने की जरूरत नही है और जो बिना नॉम्स के केवल घोषणा ही कर दी है तो उनको लेकर समीक्षा की जा रही है. जोगाराम पटेल ने सर्किट हाउस में जनसुनवाई के बाद मीडिया से खास बातचीत में यह बात कही.
समीक्षा पूर्ण होगी तो जल्द ही मिल जाएंगे शुभ समाचार
जोगाराम पटेल ने अपने जोधपुर प्रवास के दौरान जोधपुर के सर्किट हाउस में नियमित रूप से जनसुनवाई की. जनसुनवाई के दौरान दूर दराज क्षेत्रों से अपनी समस्याएं लेकर पहुंचे लोगो की समस्याएं सुनकर त्वरित समाधान को लेकर संबंधित अधिकारियों को समाधान के निर्देश भी दिए. जोगाराम पटेल ने इस दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में बनाए गए नए जिलों को लेकर किए जा रहे रिव्यू के सवाल पर कहा कि हमारी कमेटी कार्य कर रही है. समीक्षा पूर्ण होगी तो शुभ समाचार मिल जाएंगे. जिलो में विरोध प्रदर्शन और नाराजगी के सवाल पर पटेल ने कहा कि जो नॉम्स के अनुसार जिले बने है उनको डरने की आवश्यकता नहीं है.
केवल राजनीतिक लाभ के चलते कर दी घोषणाएं
पटेल ने कहा कि नॉम्स के अनुसार जो नहीं बनाए गए है सिर्फ राजनीतिक लाभ और जल्दबाजी में बिना धरातल को ढूंढे ही नियमों को ताक पर रखकर बना दिए है उसकी समीक्षा की जा रही है. पारदर्शिता और बिना भेदभाव के टीम इसको लेकर रिव्यू कर रही है. पटेल ने कहा कि कोई भी जिला बनाने से पहले सरकारी अधिकारी और कर्मचारियों को लगाना आसान नही होता. जिलों के गठन की प्रक्रिया के तहत बात करे तो 10 साल तक लग जाते है. नए सिरे से सारा काम होता है. कई तरह की चुनौतियां होती है तो समय लगता है. बिना आधार पर जिले बना दिए गए उसकी ही समीक्षा की जा रही है.
जिला घोषित से पहले तैयार करना पडता है पूरा ढांचा
पटेल ने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने न तो आर्थिक व्यवस्था की और न ही प्रशासनिक व्यवस्था की सिर्फ घोषणा कर दी. केवल घोषणा से जिले नही बनते उसके लिए पूरी प्रक्रिया के तहत काम करना पडता है. कलेक्ट्रेट कायम करना,पुलिस की रेंज कायम करना,प्रशासनिक अधिकारी तय करना,भौगोलिक सीमाएं तय करके एक पूरा ढांचा तैयार करना पडता है. सिर्फ जो घोषणा के तहत काम किया था जो बंद हो गए है.
मुख्यमंत्री को जांच कर सौंप दी है रिपोर्ट
वही एसआई भर्ती पर पटेल ने कहा कि इस संबंध में हमारी कमेटी ने सभी पक्षो को सुनने के बाद सारे प्रशासनिक अधिकारियों को सुना जिसके बाद कानून राय ली गई. हमारी समीक्षा रिपोर्ट मुख्यमंत्री को भेज दी है वह इसपर गंभीरता से विचार कर कोई उचित निर्णय लेंगे. जल्द ही इस संबंध में कोई निर्णय हो सकता है.