नई दिल्ली। विज्ञान और कला पिछले 10 वर्षों में छात्रों के बीच सबसे लोकप्रिय वर्ग रहे हैं, जबकि वाणिज्य चुनने वाले छात्रों की संख्या स्थिर है और इसका चयन केवल 14 प्रतिशत छात्र करते हैं। यह बात शिक्षा मंत्रालय द्वारा किए गए एक अध्ययन से सामने आयी है। अध्ययन कक्षा 10वीं और 12वीं के बोर्ड परीक्षा परिणामों का आकलन है और इसमें कहा गया है राज्यों में वर्ग के चयन में काफी भिन्नताएं हैं।
इसमें कहा गया है, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और तेलंगाना में केवल 2 प्रतिशत छात्र कला वर्ग चुनते हैं, लेकिन त्रिपुरा और गुजरात जैसे राज्यों में 82 प्रतिशत से अधिक छात्र इस वर्ग का चयन करते हैं जबकि पंजाब और राजस्थान जैसे राज्यों में ऐसे छात्रों का प्रतिशत 70 से ऊपर है। इसके अनुसार इसी तरह, पंजाब, हरियाणा और असम में विज्ञान वर्ग की लोकप्रियता बेहद कम है, जहां सिर्फ 17 प्रतिशत छात्र इसका चयन करते हैं, जबकि आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और तमिलनाडु जैसे राज्यों में 60 प्रतिशत से अधिक छात्र कक्षा 12 के बाद अध्ययन के लिए विज्ञान चुनते हैं।
गोवा और कर्नाटक में, प्रमुख वर्गों में छात्रों का वितरण लगभग समान है। शिक्षा मंत्रालय द्वारा कक्षा 10 और 12 के परीक्षा परिणामों के मूल्यांकन में विभिन्न बोर्ड के छात्रों के प्रदर्शन में बड़ा अंतर, उत्तीर्ण प्रतिशत में भिन्नता और छात्रों के लिए समान अवसर नहीं होने जैसी चुनौतियों की पहचान की गई है।
देश में हैं केंद्रीय व राज्य शिक्षा बोर्ड
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई), काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एक्जामिनेशंस (सीआईएससीई) और नेशनल इंस्टीट्यूट आफ ओपन स्कूलिंग (एनआईओएस)। इनके अलावा, विभिन्न राज्यों के अपने राज्य बोर्ड हैं, जिससे स्कूल बोर्ड की कुल संख्या 60 हो गई है।
स्कूल छोड़ने वाले अधिकतर छात्र 11 राज्यों से
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि स्कूल छोड़ने वाले छात्रों में 85 प्रतिशत 11 राज्य से आते हैं। ये राज्य हैं उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, गुजरात, तमिलनाडु , राजस्थान, कर्नाटक, असम, पश्चिम बंगाल, हरियाणा और छत्तीसगढ़।
(Also Read- सशस्त्र सीमा बल ने कई पदों पर निकाली भर्ती, 18 जून से पहले करें आवेदन)