Revanth Reddy : नई दिल्ली। तेलंगाना विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का चेहरा रहे रेवंत रेड्डी अब राज्य के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं। वो 7 दिसंबर को तेलंगाना में सीएम पद की शपथ लेंगे। तेलंगाना कांग्रेस के प्रदेशाक्ष्यक्ष रेवंत रेड्डी ने ही राज्य में चुनाव अभियान की कमान संभाली थी और सत्ताधारी बीआरएस (पहले टीआरएस) और मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाए रखा। जिसका नतीजा ये निकला कि भारत राष्ट्र समिति के मुखिया के. चंद्रशेखर राव की सरकार गिर गई।
बता दें कि साल 2021 में तेलंगाना कांग्रेस के प्रमुख नियुक्त किए जाने के बाद से ही 54 वर्षीय रेवंत रेड्डी पार्टी के प्रति समर्पित भाव से जुटे रहे। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और सांसद रेवंत रेड्डी को तेलंगाना का डीके शिवकुमार कहा जाता है। वो कोडंगल सीट से विधायक बने हैं और अब 7 दिसंबर को तेलंगाना के नए मुख्यमंत्री की शपथ लेने वाले है। अब हम आपको रेवंत रेड्डी के जीवन से जुड़ी कई रोचक बातें और उनके सियासी सफर के बारे में बता है।
अविभाजित आंध्र प्रदेश के महबूबनगर जिले में साल 1969 को जन्मे अनुमुला रेवंत रेड्डी ने कॉलेज के दिनों में राजनीति की शुरुआत की। उस्मानिया विश्वविद्यालय से ग्रेज्युशन करने वाले रेड्डी सबसे पहले एबीवीपी से जुड़े और बाद में चंद्रबाबू नायडू की तेलुगू देशम पार्टी में शामिल हो गए। साल 2009 में पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ने वाले रेवंत रेड्डी टीडीपी प्रत्याशी के रूप में कांग्रेस के पांच बार के विधायक गुरुनाथ रेड्डी को हराकर सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बन गए।
साल 2014 में उन्होंने एक बार फिर कोडांगल सीट से गुरुनाथ रेड्डी को पराजित किया और टीडीपी ओर से सदन में नेता चुन लिया गया। लेकिन, 25 अक्टूबर, 2017 में कांग्रेस में शामिल होने की अटकलों के चलते टीडीपी द्वारा उन्हें सदन के नेता पद से हटा दिया गया था।
साल 2017 में थामा था कांग्रेस का दामन
इसके बाद रेड्डी ने 31 अक्टूबर, 2017 को कांग्रेस का दामन थाम लिया था। लेकिन, 2018 के तेलंगाना विधानसभा चुनाव में टीआरएस उम्मीदवार ने उन्हें हरा दिया। कांग्रेस ने उन्हें 2019 के लोकसभा चुनाव में मलकाजगिरि से टिकट दिया जिसमें उन्होंने सिर्फ़ 10,919 वोटों से जीत दर्ज की। साल 2021 में कांग्रेस ने उन्हें बड़ी जिम्मेदारी देते हुए प्रदेश अध्यक्ष चुना। तब से वो धीरे-धीरे तेलंगाना की राजनीति में चमकते गए और अब तेलंगाना के मुखिया बनने जा रहे है।
200 केस रेवंत की सफलता
तेलंगाना सरकार की आलोचना, आंदोलन व विरोध-प्रदर्शन करने वाले रेवंत के खिलाफ करीब 200 मुकदमे दर्ज हैं। रेवंत रेड्डी ने इन्हें खुद को मिले पदक बताया। वह यह मजबूत तर्क देने में सफल रहे कि रेवंत रेड्डी एकमात्र मजबूत नेता हैं, जो तेलंगाना में केसीआर को हरा सकते हैं। यही कारण है कि आज पूरा राज्य रेवंत रेड्डी के प्रति इतना दीवाना है। वहीं शीर्ष नेताओं में राहुल और प्रियंका की नजर में रेवंत को सौ में से सौ अंक मिले हैं। प्रचार में प्रियंका ने रेवंत रेड्डी के बारे में कहा था कि जब भी वह उनसे मिली, उन्होंने कोई पद या नाम नहीं मांगा।
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