देहरादून। दिवाली पर उत्तरकाशी में दिल दहला देने वाला बड़ा हादसा हो गया। सिल्क्यारा से डंडालगांव तक निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा ढहने से टनल में काम करने वाले 40 श्रमिक अंदर रह गए। इस हादसे के बाद सभी मजदूर अंदर फंसे हुए हैं। उत्तरकाशी-यमनोत्री मार्ग पर सिल्क्यारा टनल में इन मजदूरों को निकालने के लिए पिछले 55 घंटे से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। देहरादून से रात तीन बजे ऑगर ड्रिलिंग मशीन पहुंची।
ऑगर मशीन के लिए प्लेटफार्म तैयार कर लिया गया है। ऑगर ड्रिलिंग मशीन की स्थापना का काम तेजी से चल रहा है। अब यह मशीन मलबे में 900 मिमी स्टील पाइप लगाएगी। इन 900 मीटर के पाइप के जरिए सुरंग में फंसे हुए मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकलना जाएगा। 900 मिमी व्यास के पाइप घटनास्थल पर पहुंच गए हैं।
सुरंग का दौरा करने के बाद सचिव आपदा प्रबंधन रंजीत कुमार सिन्हा ने कहा कि निर्माणाधीन सुरंग में ऊपर से लगातार गिर रही मिट्टी बचाव अभियान में रुकावट पैदा कर रही है। ऐसे में अब पाइप डाला जाएगा, ताकि मलबे को रोका जा सके। मशीन खुदाई करके पाइप डालेगी। माना जा रहा है कि इस अभियान में 24 घंटे का समय लग सकता है। बचाव दल लगातार मलबा हटा रहा है। अब मलबे के ढेर में सुरंग तैयार करके पाइप डाला जाएगा। इसके जरिए सुरंग में फंसे हुए मजदूरों को मंगलवार रात या बुधवार तक बचाया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि सुरंग के अंदर सभी मजदूर सुरक्षित हैं जिन्हें पाइपलाइन के जरिए खाना, पानी और ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है।
SDRF ने मजदूरों को सुरक्षित निकालने का भरोसा दिलाया…
वहीं एसडीआरएफ के कमांडेंट मणिकांत मिश्रा ने श्रमिकों से बात कर सुरक्षित रेस्क्यू का आश्वसन दिया। रसद और आवश्यक दवाइयां भी पहुंचाई गई। उत्तरकाशी के ब्रह्मखाल बड़कोट के बीच सुरंग धसने के कारण टनल में फंसे श्रमिकों से मणिकांत मिश्रा द्वारा वॉकी-टॉकी के माध्यम से बात कर उनकी कुशलता ली गई। उन्होंने श्रमिकों का हौसला बढ़ाया। श्रमिकों द्वारा बताया गया कि वे सब ठीक है। कम्प्रेसर के माध्यम से श्रमिकों को आवश्यक खाद्य सामग्री पहुंचाई गई।
बता दें कि दीवावली के दिन निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में भूस्खलन के बाद से 40 मजदूर सुरंग के अंदर हैं। यमुनोत्री हाईवे पर निर्माणाधीन सुरंग में 12 घंटे की शिफ्ट खत्म कर सभी मजदूर रविवार सुबह करीब 8 बजे दीपावली की छुट्टी मनाने के लिए जाने ही वाले थे, लेकिन करीब ढाई घंटे पहले ही 5:30 बजे सुरंग के सिलक्यारा वाले मुहाने से करीब 250 मीटर आगे 35 मीटर हिस्से में भूस्खलन हो गया। सुरंग में उस वक्त 45 मजदूर थे। मलबा धीरे-धीरे गिरता देख पांच मजदूर तो बाहर भाग गए लेकिन 40 सुरंग में ही फंस गए। दरअसल, चारधाम सड़क परियोजना के तहत यमुनोत्री हाईवे पर निर्माणाधीन 4.5 किमी सुरंग का निर्माण कार्य अब करीब 500 मीटर शेष रह गया है जिसका निर्माण यहां मजदूर दो शिफ्ट में कर रहे हैं।
सुरंग में दो शिफ्ट में दिन-रात चलता है काम…
शिफ्ट में चार कंपनी के अलग-अलग मजदूर कार्य करते हैं। इनमें नवयुगा, श्री साईं कंस्ट्रक्शन, नव दुर्गा आदि शामिल हैं। सुरंग में रात-दिन दो शिफ्ट में काम चल रहा था जिसमें दिन की शिफ्ट सुबह 8 से रात 8 बजे तक और फिर रात की शिफ्ट रात 8 बजे से सुबह 8 बजे तक चलती थी।