नई दिल्ली: देश की संसद में मानसून सत्र के बीच मणिपुर के हालातों पर घमासान मचा हुआ है जहां केंद्र सरकार विपक्ष के निशाने पर है. विपक्षी दल लगातार संसद में मणिपुर में पीएम मोदी के बयान की मांग पर अड़े हैं. इस बीच मंगलवार को बीजेपी की संसदीय दल की बैठक में पीएम मोदी ने विपक्षी दलों के नए गठबंधन पर अब का सबसे तीखा हमला किया है.
बैठक को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा कि इंडिया नाम लगा लेने से कुछ नहीं होता है, इंडिया नाम तो ईस्ट इंडिया कंपनी में भी था और इंडियन मुजाहिद्दीन, पीएफआई के नाम में भी इंडिया है. पीएम ने आगे कहा कि विपक्ष में पूरी तरह से बिखराव है और इनके नेता हताश नजर आ रहे हैं.
उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों के रवैये से ऐसा लग रहा है कि यह लोग लंबे समय तक सत्ता में नहीं आने की इच्छा रखते हैं. बता दें कि इस सत्र में यह पहली संसदीय दल की बैठक हुई है जहां पीएम मोदी के साथ गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत तमाम केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे.
‘बिखरा हुआ और हताश है विपक्ष’
पीएम ने सदन में पिछले 4 दिनों से चल रहे हंगामे पर निशाना साधते हुए कहा कि ऐसा दिशाहीन विपक्ष मैंने आज तक नहीं देखा है और यह लोग तय नहीं कर पा रह हैं कि क्या करना है. पीएम ने कहा कि इन लोगों के बर्ताव से ऐसा लग रहा है कि ये लोग कई सालों तक सत्ता में नहीं आना चाहते हैं. वहीं पीएम ने इंडिया के नाम पर भी तीखा हमला बोला.
इधर पीएम के बयान से माना जा रहा है कि मणिपुर को लेकर अभी गतिरोध टूटने की संभावना कम नजर आ रही है. वहीं संसद में चल रहे हंगामे को देखते हुए लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने आज एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है जहां गतिरोध तोड़ने की कोशिस की जाएगी.
हंगामे की भेंट चढ़ा मानसून सत्र
बता दें कि संसद के मानसून सत्र में पिछले 3 दिनों से मणिपुर को लेकर जोरदार हंगामा हो रहा है. विपक्ष इस मुद्दे पर संसद में पीएम मोदी के बयान की मांग कर रहा है. वहीं गृहमंत्री अमित शाह जवाब के साथ अल्पकालिक चर्चा के लिए तैयार हो गए हैं लेकिन फिर भी गतिरोध बना हुआ है. इससे पहले सोमवार को संसद में गतिरोध के बाद कोई कार्यवाही नहीं हुई और राज्यसभा से आप सांसद संजय सिंह का हंगामे के बाद पूरे मानसून सत्र से निलंबन कर दिया गया.