इम्फाल। मणिपुर में हालातों को देखते हुए (Manipur Violence) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपना कर्नाटक दौरा रद्द कर दिया है। वे लगातार मणिपुर की स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह से लगातार फोन पर जुड़े हुए हैं। पल-पल की अपडेट ले रहे हैं। गृह मंत्रालय ने मणिपुर में 1500 से ज्यादा अर्धसैनिक बलों की तैनाती कर दी है। इसके अलावा अमित शाह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भी सीएम बीरेन और पड़ोसी राज्यों के सीएम और आला अधिकारियों से बातचीत कर चुके हैं और शांति सुरक्षा बनाए रखने के लिए जरूरी दिशा निर्देश दे चुके हैं।
भारतीय वायुसेना ने अपने दो फाइटर जेट के जरिए सेना की टुकड़ियों को मणिपुर (Manipur Violence) में पहुंचाया है। अब तक भारतीय सेना और असम राइफल्स ने 9000 से अधिक लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया है। इसके अलावा मणिपुर के संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा बल लगातार फ्लैग मार्च निकाल रहे हैं। सुरक्षा व्यवस्था के चलते मणिपुर में सभी ट्रेनों का संचालन बंद कर दिया गया है और नेटबंदी भी बढ़ा दी गई है।
वायुसेना ने भी सेना की टुकड़ियां
भारतीय सेना के जारी बयान में कहा गया है कि सभी हितधारकों द्वारा समन्वित कार्रवाई के माध्यम से स्थिति को नियंत्रण में लाया गया है। IAF ने C17 ग्लोबमास्टर और AN 32 वायुयानों को नियोजित करते हुए असम में दो हवाई क्षेत्रों से निरंतर उड़ानें भरीं। बीती 4 मई की रात को यह ऑपरेशन शुरू हुआ और 5 मई की सुबह भी जारी रहा। प्रभावित क्षेत्रों से सभी समुदायों के नागरिकोंको निकलाने का काम रात भर जारी रही। चुराचांदपुर और अन्य संवेदनशील इलाकों में फ्लैग मार्च जारी है।
एनएफ रेलवे के सीपीआरओ सब्यसाची डे ने बताया कि मणिपुर में कानून व्यवस्था की स्थिति के बाद पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने मणिपुर जाने वाली सभी ट्रेनों को रोक दिया है। स्थिति में सुधार होने तक कोई ट्रेन मणिपुर में प्रवेश नहीं कर रही है। मणिपुर सरकार द्वारा ट्रेन की आवाजाही रोकने की सलाह के बाद यह निर्णय लिया गया है। इधर भारतीय रेलवे ने कहा है कि 4 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है। शुरुआत में यह फैसला सिर्फ 5 और 6 मई के लिए लिया गया है।
5 दिनों के लिए इंटरनेट सेवा बंद
मणिपुर में 5 दिनों के लिए इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है जिससे युवाओं, विभिन्न समुदायों के स्वयंसेवकों के बीच लड़ाई की घटनाओं के बीच और ज्यादा हालात खराब नो हो। बता दें कि ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन (ATSU) मणिपुर द्वारा मेइतेई या मीतेई को एसटी श्रेणी में शामिल करने की मांग के विरोध में एक रैली का आयोजन किया गया था।जिसके दौरान हिंसा भड़क गई थी।