Operation Ajay : नई दिल्ली। इजराइल में चल रहे तनाव के बीच वहां फंसे 212 भारतीयों को लेकर ऑपरेशन अजय के तहत पहला विमान दिल्ली एयरपोर्ट पर लैंड कर चुका है। यहां केंद्रीय मंत्री राजीव चन्द्रशेखर ने सभी भारतीयों का स्वागत किया। खास बात ये रही कि इजराइल में फंसे भारतीय जैसे ही अपने देश की जमीन पर उतरे तो खुशी के आंसू छलक पड़े। भारत के ऑपरेशन अजय के तहत सुरक्षित वतन वापसी करने वाले भारतीयों ने इजराइल के हालात बंया करते हुए वहां की सरकार की तारीफ की। साथ ही सुरक्षति वतन वापसी के लिए मोदी सरकार को थैंक्स कहा।
जानिए किसने क्या कहा
भारत आई सीमा बलसारा ने कहा कि मैं एयर इंडिया की ओर से तेल अवीव में एयरपोर्ट मैनेजर के रूप में कार्यरत थी। मैं वहां पर पिछले 10 महीने से थी। वहां से हमें बाहर निकाला गया। पिछले 4-5 दिनों से वहां की स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। हमने उस स्थिति का सामना किया और अब हम यहां हैं। मेरा परिवार भारत में ही रहता है, मैं तेल अवीव रह रही थी।
एक अन्य भारतीय नागरिक ने बताया कि इजरायल में युद्ध शुरू होने के बाद हमें भारत से हमारे परिवार और दोस्तों के फोन आने लगे थे, सभी हमारे लिए फिक्रमंद थे। मैं हमारे लिए इस ऑपरेशन के इजरायल से भारत सुरक्षित लाए जाने पर भारत सरकार और भारत के विदेश मंत्रालय का शुक्रिया अदा करता हूं।
सायरन बजते ही डेढ़ मिनट में शेल्टर में जाना पड़ता
ऑपरेशन अजय के तहत इजराइल से भारत आई उत्तर प्रदेश के फतेहपुर की रहने वाली महिला स्वाति पटेल ने कहा कि यहां आकर बहुत अच्छा लग रहा है। वहां जब सायरन बजता है तो बहुत डर लगता है। सायरन बजने पर शेल्टर में जाना होता है। यहां हम सुरक्षित महसूस कर रहे हैं। जब भी सायरन बजता था तब हमें 1.5 मिनट में शेल्टर में जाना होता था।
इजराइल सरकार की जमकर तारीफ
मनोज कुमार ने कहा कि मैं वहां पर बतौर पोस्ट डॉक्टोरल फेलो के रूप में कार्यरत था, मेरा पत्नी और 4 वर्ष की बेटी भी मेरे साथ हैं। तेल अवीव में स्थित भारतीय दूतावास का धन्यवाद करता हूं कि उन्होंने काफी सहयोग किया… इसके साथ ही सुरक्षित रूप से भारत आने के लिए भारत के विदेश मंत्रालय का धन्यवाद करता हूं। इज़रायल की सरकार भी दिन-रात काम कर रही है।
पहले कभी नहीं देखे ऐसे हालात
भारत आई एक महिला ने कहा कि मेरा बेटा अभी केवल 5 महीने का है, हम जिस स्थान पर थे वह सुरक्षित था लेकिन आगे की परिस्थिति और अपने बेटे के लिए हमने भारत आने का फैसला लिया। पहली रात हम सो रहे थे तभी एक सायरन बजा, हम वहां पर पिछले 2 वर्ष से थे हमने ऐसी परिस्थिति पहले कभी नहीं देखी थी। हम शेल्टर में गए, हम 2 घंटे के लिए शेल्टर में रहे। हम अब काफी बेहतर महसूस कर रहे हैं, मैं भारत सरकार और प्रधानमंत्री का धन्यवाद करती हूं।
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