वाराणसी। उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने शनिवार को दूसरे दिन ज्ञानवापी परिसर में वैज्ञानिक सर्वेक्षण का काम शुरू किया जो शाम पांच बजे तक चला। सरकारी वकील राजेश मिश्रा ने बताया कि सर्वेक्षण में मुस्लिम पक्ष के पांच लोग भी शामिल हुए। इस बीच, हिन्दूपक्ष की एक वादी सीता साहू ने परिसर से बाहर आ कर बताया कि ज्ञानवापी परिसर के पश्चिमी दीवार पर आधी पशु और आधी देवता की मूर्ति दिखी। तहखाने में भी टूटी-फूटी मूर्तियां और खम्भेपड़े दिखे।
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हिन्दूपक्ष केअधिवक्ता सुभाष चतुर्वेदी ने बताया कि सर्वे की टीम मस्जिद परिसर के केंद्रीय गुंबद के हाल में जहां नमाज पढ़ी जाती है, उसका सर्वे किया और उस जगह की फोटोग्राफी और मैपिंग की गई। ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में सर्वे टीम व्यास परिवार के कब्जेवाले तहखाने का सर्वे किया, लेकिन मुस्लिम पक्ष के कब्जेवाले दूसरे तहखाने में सर्वेक्षण की टीम अभी पहुंच नहीं पाई है। परिसर में कुल चार तहखाने हैं, जिसमें से एक व्यास परिवार के कब्जे में है और दूसरा मुस्लिम पक्ष के कब्जे में है। बाकी दो तहखानों में मलबा भरा हुआ है।
आज भी होगा सर्वे
मिश्रा ने बताया कि रविवार को सुबह से शाम पांच बजे तक सर्वे होगा। इस बीच, मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता तौहीद खान ने बताया कि शनिवार को जारी सर्वे कार्य के दौरान अधिवक्ता अखलाक और मुमताज सहित मुस्लिम पक्ष के पांच लोग एएसआई टीम के साथ मौजूद हैं। मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता मुमताज ने बताया, हम सर्वे के काम से संतुष्ट हैं। शुक्रवार को तक हम सर्वे के काम में शामिल नहीं थे, लेकिन शनिवार को हम सर्वे के कार्य में शामिल हैं और हम सर्वे के कार्य में पूरा सहयोग दे रहे हैं। इससे पहले, शुक्रवार देर रात अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी के संयुक्त सचिव मोहम्मद यासीन ने एक पत्र जारी कर शीर्ष अदालत के फैसले का सम्मान करने और सर्वेक्षण में सहयोग करने की बात कही थी।
आईआईटी कानुपर की टीम कर रही है सहयोग
इस बीच, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), कानपुर के विशेषज्ञों की एक टीम ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण करने में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की सहायता कर रही है। पीटीआई-भाषा से फोन पर बात करते हुए संस्थान के निदेशक अभय करंदीकर ने पुष्टि की कि संस्थान के पृथ्वी विज्ञान विभाग के विशेषज्ञ, ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण करने में एएसआई की सहायता कर रहे हैं। करंदीकर ने कहा कि पृथ्वी विज्ञान विभाग (अर्थसाइंस) के प्रोफेसर, जावेद एन मलिक भी विदेश से लौटने के तुरंत बाद संस्थान के विशेषज्ञों की टीम में शामिल होंगे।
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उम्मीद है ‘हजारों बाबरी मजिस्दों’ के द्वार नहीं खोलेगी रिपोर्ट: ओवैसी
हैदराबाद। एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदद्ुदीन ओवैसी ने शनिवार को कहा कि कौन जानता है कि एएसआई की सर्वेक्षण रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद इसका क्या असर होगा। उन्होंने उम्मीद जताई की यह रिपोर्ट ‘हजारों बाबरी मस्जिदों’ के द्वार नहीं खोलेगी। ओवैसी ने एक ट्वीट में कहा, उम्मीद है कि 23 दिसंबर और छह दिसंबर की घटनाएं दोहराई नहीं जाएं गी और पूजा स्थल अधिनियम की शुचिता के संबंध में अयोध्या मामले के फैसले में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा की गई टिप्पणी का अनादर नहीं किया जाना चाहिए।