CRIME NEWS: जोधपुर पुलिस कमिश्नर राजेन्द्र सिंह के निर्देशन में अपराधियों की धरपकड को लेकर चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत ही जोधपुर पुलिस द्वारा डंपर चोरी के मामले में पूर्व छात्रसंघ के अध्यक्ष को गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की है. यह युवक गैंग बनाकर डंपर चुराने का काम करता था मगर आखिरकार पुलिस ने इसको गिरफ्तार कर ही लिया.
डंपर चुराने के लिए पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष अपने साथियों को पहले वहां नौकरी पर लगा देता था. पुलिस ने सीसीटीवी फुटे के आधार पर दो बदमाशों को बाडमेर से डंपर सहित गिरफ्तार किया. यह पूरा मामला जोधपुर पुलिस कमिश्नरेट के सूरसागर थाना इलाके का है.
पूर्व अध्यक्ष रह चुका है आरोपी जगदीश
थानाधिकारी मांगीलाल विश्नोई की माने तो क्षेत्र में डंपर चोरी के मामले में बाड़मेर जालिपा निवासी जगदीश पूनिया और जैसलमेर निवासी जितेंद्र उर्फ जीतू को गिरफ्तार किया गया है. आरोपी जगदीश पूनिया जो कि 2018 में बाड़मेर पीजी कॉलेज का छात्रसंघ अध्यक्ष रह चुका है. ऐसे में इनसे पूछताछ की जा रही है.
21 अगस्त को दर्ज हुई थी रिपोर्ट
पुलिस ने बताया कि 21 अगस्त को पीडित हेमंत सांखला ने थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई कि उनकी माइंस बालसमंद क्षेत्र में है. राखी के दिन छुट्टी के चलते उन्होंने अपना डंपर वहीं माइंस पर खड़ा कर दिया था. 19 अगस्त की रात कोई उस डंपर को चोरी कर ले गया. जिसके चलते पुलिस ने जांच पडताल शुरू कर दी थी और उसी के तहत मामले का खुलासा करते हुए आरोपियों तक पुलिस पहुंच पाई है.
कडी से कडी जोड रही पुलिस
पुलिस की माने तो आरोपी इतने मास्टर माइंड थे कि अपने गिरोह के एक आदमी को पहले रैकी के लिए उस जगह पर भेजते जहां पर चोरी की वारदात को अंजाम देना होता था. मौका पाकर वह गाड़ी चोरी कर लेता था. ग्रामीण रास्तों से वाहन को अपने ठिकाने बाड़मेर पहुंचा देते थे. चोरी की गाड़ियों को ये कहां बेचते थे, इसका पता किया जा रहा है. कडी से कडी जोडकर पुलिस इसमें जांच कर रही है.
600 सीसीटीवी देखे तब जाकर हाथ लगा आरोपी
किसी भी चोरी की घटना को खोलने के लिए सीसीटीवी फुटेज की मदद ली जाती है. ऐसे में पुलिस को डंपर चोरी का पहला सुराग माइंस पर लगे सीसीटीवी कैमरों से मिल गया था. इसके बाद पुलिस ने चौपड़ से बाड़मेर के बीच आने वाले बम्बोर, 38 मील, आगोलाई, सोईन्तरा, शेरगढ़, छाबा, फलसुण्ड, उण्डू, भीयाड, शिव, गुगा और चौहटन में लगे करीब 600 से भी ज्यादा सीसीटीवी कैमरे चेक किए जिसके बाद कही पुलिस आरोपी तक पहुंच पाई. पुलिस को इसके लिए कडी मशक्कत करनी पडी.