नई दिल्ली। जिन लोगों के मन में पेट्रोल पंप पर फ्यूल भराते वक्त चिटिंग का अंदेशा रहता है। वे सबसे पहले जीरो (0.00) पर विशेष ध्यान देते हैं। उन्हें लगता है कि पेट्रोल पंप पर हमेशा चिटिंग होता है। लेकिन लोगों के सतर्क रहने के बावजूद धोखाधड़ी का सिलसिला जारी है, बस तरीका बदल गया है। यह आपके जेब ही नहीं बल्कि आपकी गाड़ी को भी प्रभावित करता है। यह चिटिंग फ्यूल की गुणवता में होता है जो पेट्रोल मालिकों द्वारा आसानी से किया जा सकता है।
फ्यूल की गुणवता से बचने के लिए अपनाएं ये तरीका
पेट्रोल पंप पर फ्यूल की गुणवता में धोखाधड़ी से बचने के लिए सबसे पहले फ्यूल की गुणवत्ता यानी फ्यूल की डेंसिटी के बारे में समझना जरूरी है। पेट्रोल पंप पर मशीन पर तीन स्क्रीन होती है जो फ्यूल के बारे में जानकारी देती हैं। इसलिए पेट्रोल पंप पर फ्यूल भराते वक्त जीरो पर ध्यान देने के साथ-साथ फ्यूल की डेंसिटी पर विशेष ध्यान देना चाहिए, क्योंकि डेंसिटी सीधे फ्यूल की गुणवता को दर्शाती है। इसी से फ्यूल की गुणवत्ता निर्धारित होती है।
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-फ्यूल की डेंसिटी को चेक करते समय सुनिश्चित करें कि डेंसिटी मीटर 0.00 की मान न दिखाए। यहीं धोखा होता है। विशेष रूप से पेट्रोल और डीजल की डेंसिटी के मामले में विशेष निगरानी रखे। इसी से आप फ्यूल की गुणवता को परख सकते हैं। डेंसिटी इंडेक्स मीटर डिस्प्ले पर राशि और फ्यूल के आंकड़े देखने के बाद तीसरी सबसे महत्वपूर्ण चीज है जो देखना होता है वो फ्यूल डेंसिटी।
-पेट्रोल और डीजल की डेंसिटी रेंज आपको मालूम होना चाहिए तभी आप फ्यूल की शुद्धता पता लगा सकते हैं। पेट्रोल के लिए डेंसिटी रेंज 730-770 किलोग्राम/मीटर^3 है, जबकि डीजल के लिए यह 820-860 किलोग्राम/मीटर^3 है। यदि डेंसिटी रेंज ऊपर नीचे होती है तो निश्चित ही आपके साथ धोखाधड़ी हो रही है। हालांकि, अलग-अलग राज्यों में डेंसिटी के आंकड़े अलग-अलग हो सकते हैं। मिलावटी ईंधन न केवल धन का नुकसान करता है, बल्कि आपके वाहन के इंजन को भी खराब करता है, इससे ब्रेकडाउन के चांसेस को भी बढ़ते हैं।
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-पेट्रोल पंप पर फ्यूल भराते वक्त फ्यूल की डेंसिटी अवश्य चेक करें। इससे आप अपने साथ हो रहे फ्रॉड से बच सकते हैं। सुनिश्चित करें कि ईंधन की डेंसिटी पेट्रोल और डीजल दोनों के लिए निर्दिष्ट रेंज के भीतर ही हो। यह छोटा सी सावधानी आपको पेट्रोल पंप पर होने वाले फ्रॉड से बच सकते हैं। इससे आपका वाहन भी ठीक रहेगा।