उदयपुर: देश आज वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की 483वीं जयंती मना रहा है जहां प्रदेश में कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 2 दिनों के मेवाड़ दौरे पर हैं जहां वह सोमवार को सुखाड़िया रंगमंच पर हो रहे कार्यक्रम में पहुंचे. इस दौरान सीएम ने एक बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि राजस्थान में वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप बोर्ड का गठन किया जाएगा. गहलोत ने मंच से बोर्ड बनाने की घोषणा करते हुए कहा कि महाराणा प्रताप का बोर्ड बनने से आने वाले समय में उनके चरित्र, उनकी वीर गाथाओं का प्रचार-प्रसार किया जाएगा.
इसके अलावा राणा प्रताप को लेकर पाठ्यक्रम में क्या संशोधन किया जा सकता है बोर्ड इसपर काम करेगा. बता दें कि इस कार्यक्रम में गहलोत के साथ मंच पर इस दौरान पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा, प्रभारी मंत्री रामलाल जाट, मंत्री अर्जुन बामनिया के अलावा बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी मौजूद रहे.
वहीं इससे पहले गहलोत ने महाराणा प्रताप की जयंती की प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप ने अत्यंत विकट परिस्थितियों में भी हार नहीं मानी और मातृभूमि की भक्ति का प्रतिमान बनाया, महाराणा प्रताप न केवल राजस्थान, बल्कि पूरे देश की आन-बान-शान के प्रतीक हैं. उन्होंने कहा कि प्रताप का स्वाभिमान, साहस, पराक्रम और त्याग से भरा जीवन हम सभी के लिए प्रेरणादायी है.
राजेंद्र राठौड़ ने बोला हमला
इधर सीएम के महाराणा प्रताप बोर्ड के ऐलान के बाद नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने अजमेर में महाराणा प्रताप जयंती को लेकर एक समारोह में कहा कि पहले भी कई बोर्ड बनाएं लेकिन उनकी अनुशंसा नहीं होती, इस बोर्ड में कैसे काम होगा इसे लेकर हमें भी कमेटी में जोड़ें. उन्होंने कहा कि सरकार का बोर्ड बनाने का उद्देश्य सही होना चाहिए.
तेजाजी बोर्ड का किया था गठन
वहीं सीएम गहलोत ने इससे पहले जाट समुदाय को सौगात देते हुए वीर तेजाजी कल्याण बोर्ड के गठन का ऐलान किया था जिसके बाद सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने बोर्ड के गठन को लेकर आदेश जारी किया था. इस बोर्ड में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष सहित कुल 9 सदस्य रखे गए जिनका चयन बोर्ड के नियमों के आधार पर होना तय किया गया.