अजमेर। राजस्थान के अजमेर में लुटेरी दुल्हन का मामला सामने आया है। जिले के अलवर गेट थाना क्षेत्र में रहने वाली एक महिला ने अपनी बहू के खिलाफ आभूषण चुराकर भागने व परेशान करने की रिपोर्ट दर्ज करवाई है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। अलवर गेट थाने के एएसआई बिजेन्द्र सिंह मीणा ने बताया कि गुलाबबाड़ी निवासी देववंती देवी ने एसपी को एक रिपोर्ट पेश की। महिला ने शिकायत में बताया कि वह विधवा है।
जनवरी 2023 में उसके बेटे प्रवीण का विवाह नोनकरण का हत्था निवासी धनवंती से करवाया। शादी के कुछ समय बाद ही उसकी पुत्रवधू धनवंती ने परिवार को मानसिक प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। इसके बाद लुटेरी दुल्हन की तरह उनके जेवरात लेकर फरार हो गई। अब ना तो आभूषण लौटा रही है, उल्टा झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी देकर उसे व परिजन को परेशान किया जा रहा है।
उसकी पुत्रवधू का साथ उसके परिजन और दीपक सट्टे वाला दे रहा हैं। एएसआई बिजेंद्र ने बताया कि देववंती देवी की रिपोर्ट पर एसपी ने अलवर गेट थाना पुलिस को मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए। जिस पर आईपीसी की धारा 380 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
ऑपरेशन ‘उमंग’ में 6 बाल श्रमिक कराए मुक्त, 30 बच्चों का करवाया पुनर्वास
अजमेर। जिला पुलिस की मानव तस्करी विरोधी यूनिट लगातार बाल श्रम व बाल भिक्षावृति पर फोकस कर रही है। इसके तहत यूनिट ने ऑपरेशन उमंग के तहत 6 बाल श्रमिकों को मुक्त करवाया। वहीं भिक्षावृत्ति करने वाले 30 बच्चों का रेस्क्यू कर पुनर्वास करवाया। मानव तस्करी विरोधी यूनिट के प्रभारी अशोक बिश्नोई ने सच बेधड़क को बताया कि ऑपरेशन उमंग के तहत लगातार की कार्रवाई की जा रही है। केसरगंज स्थित चोर बनिए के यहां से दो बाल श्रमिकों को मुक्त करवाकर मालिक राजेंद्र के खिलाफ क्लॉक टावर थाने में मुकदमा दर्ज किया।
वहीं शास्त्री नगर चुंगी के पास स्थित गोपाल मिष्ठान भंडार से एक 15 वर्षीय बालक, जवाहर नगर तिराहा के पास स्थित लोकेश टिफिन सेन्टर से एक 13 वर्षीय व एक 16 वर्षीय बालक और रोडवेज बस स्टेशन के सामने स्थित देवनारायण भोजनालय से एक 14 वर्षीय बालक को बालश्रम करवाते हुए मुक्त करवाकर उनका रेस्क्यू कर उनके पुनर्वास के लिए बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया।
वहीं बालश्रम करवाने वाले गोपाल मिष्ठान भण्डार के संचालक विक्रमसिंह, लोकेश टिफिन सेन्टर के संचालक महेन्द्र भाटी व देवनारायण भोजनालय के संचालक रामदेव गुर्जर के खिलाफ सिविल लाइन थाने में किशोर न्याय अधिनियम, बालश्रम अधिनियम आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज करवाया गया। प्रभारी अशोक बिश्नोई ने कहा कि शहर के विभिन्न स्थानों पर भिक्षावृत्ति करने वाले 30 बच्चों का भी रेस्कयू कर पुनर्वास करवाया गया है।
(इनपुट-नवीन वैष्णव)