हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के शेयरों ने लॉन्ग टर्म में अपने निवेशकों को मल्टीबैगर रिटर्न दिया है। कंपनी का शेयर पिछले तीन साल में 501.25 रुपए के लेवल बढ़कर 3000 रुपए के पार पहुंच गया है। इस अवधि के दौरान इस कंपनी के शेयरों ने 500% का शानदार रिटर्न दिया है। इसका 52 वीक का हाई लेवल 3,168.80 रुपए है और इसका 52 वीक का सबसे लो लेवल 1,625 रुपए है। कंपनी का मार्केट कैप 103456 करोड़ रुपए है।
यह खबर भी पढ़ें:- इस केमिकल कंपनी के शेयरों को खरीदने की मची लूट, हर शेयर पर देगी 200% का डिविडेंड
तीन साल में बनाया मालामाल
सरकारी रक्षा कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के शेयरों ने पिछले तीन साल में अपने निवेशकों को मल्टीबैगर रिटर्न दिया है। बता दें कि 8 मई 2020 को इस शेयर की कीमत 501.25 रुपए थी, जो वर्तमान में बढ़कर 3,071.90 रुपए हो गए है। इस अवधि के दौरान इस शेयर ने अपने निवेशकों को रकम को 6 गुणा बढ़ा दिया है। अगर किसी व्यक्ति ने तीन साल पहले इस शेयर में एक लाख रुपए का निवेश किया होता और अपने निवेश का बनाए रखता तो वर्तमान में इन शेयरों की वैल्यू 6 लाख रुपए होती।
विदेशी निवेशक लगातार बढ़ा रहे साझेदारी
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के शेयर फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स के पसंदीदा बने हुए है। पिछली चार तिमाहियों में विदेशी निवेशकों ने लगातार सरकारी रक्षा कंपनी में अपनी साझेदारी बढ़ाई है। शेयर मार्केट की रिपोर्ट के मुताबिक मार्च तिमाही में कंपनी में विदेशी निवेशकों की साझेदारी बढ़कर 9.07 फीसदी पहुंच गई है, जो पिछले एक साल पहले की समान अवधि में 4.37% थी।
जानिए क्या काम करती है कंपनी?
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) एक भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र की एयरोस्पेस और रक्षा कंपनी है, जिसका मुख्यालय बैंगलोर में है। 23 दिसंबर 1940 को स्थापित, HAL दुनिया के सबसे पुराने और सबसे बड़े एयरोस्पेस और रक्षा निर्माताओं में से एक है। एचएएल ने 1942 की शुरुआत में भारतीय वायु सेना के लिए हार्लो पीसी-5, कर्टिस पी-36 हॉक और वल्टी ए-31 प्रतिशोध के लाइसेंस प्राप्त उत्पादन के साथ विमान निर्माण शुरू किया। एचएएल के पास वर्तमान में 11 समर्पित अनुसंधान और विकास (आर एंड डी) केंद्र और भारत भर में फैली 4 उत्पादन इकाइयों के तहत 21 विनिर्माण प्रभाग हैं। HAL का प्रबंधन भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के माध्यम से भारत के राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त निदेशक मंडल द्वारा किया जाता है। एचएएल वर्तमान में लड़ाकू जेट विमानों, हेलीकाप्टरों, जेट इंजन और समुद्री गैस टरबाइन इंजन, एवियोनिक्स, सॉफ्टवेयर विकास, पुर्जों की आपूर्ति, ओवरहालिंग और भारतीय सैन्य विमानों के उन्नयन के डिजाइन और निर्माण में शामिल है।