भारतीय लोगों का भोजन के प्रति अधिक लगाव रहता है। यदि खाने में सभी मसालें और भरपूर स्वाद हो तो लोगों को आनंद महसूस होता है। इसी खाने को और अधिक स्वादिष्ट बनाने में नींबू की खास भूमिका रहती है। सभी प्रकार के नाश्तों में तो जैसे नींबू के बिना स्वाद ही नहीं आता है। वहीं बात करें सब्जियों की तो लौकी, कद्दू और दाल में इसका मुख्य योगदान रहता है। यह न सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ाता है बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक है।
इसमें विटामीन सी पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। इसके अलावा इसमें कई प्रकार के तत्व पाए जाते हैं। इसका उत्पादन विशेष जलवायु, दोमट मिट्टी और कम से कम आठ फीट की गहराई में किया जाता है। विश्व में सबसे अधिक नींबू का उत्पादन भारत में किया जाता है। भारत में विश्व का कुल 26 प्रतिशत नींबू उत्पादित किया जाता है। इसके अलावा मैक्सिको, अर्जन्टीना, ब्राजील तथा स्पेन अन्य मुख्य उत्पादक देश हैं।
इन भागों में पाया जाता है नींबू
नींबू का पौधा अधिकतर उष्णदेशीय भागों में पाया जाता है। मुख्य रूप से यह भारत में ही उगता है। हिमालय की उष्ण घाटियों में उसकी अधिक पैदावर होती है। यह एक प्रकार का जंगली पौधा है। जो कि आमतौर पर मैदानी भागों में समुद्रतट से चार हजार फीट की ऊंचाई पर उगता है नींबू की कई प्रकार की किस्में होती हैं, जैसे- खट्टा नींबू, फ्लोरिडा रफ़, जंबीरी, कागजी नीबू, कागजी कलां, गलगल तथा लाइम सिलहट।
इनमें से कागजी नीबू, कागजी कलां, गलगल तथा लाइम सिलहट किस्में घरेलू उपयोग में काम में ली जाती है। भारत में कागजी नींबू का उत्पादन चेन्नई, मुंबई, पश्चिम बंगाल, पंजाब, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, हैदराबाद, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मैसूर तथा गुजरात में किया जाता है। नीबू को स्फूर्तिदायक और रोग निवारक फल माना जाता है।
इतिहास
नींबू का पौधा आकार में छोटा होता हैं, लेकिन इसकी कुछ प्रजातियां 6 मीटर तक लम्बी होती हैं। अब गौर करें नींबू की उत्पत्ति की तो इसके बारे में कोई पुख्ता और ठोस प्रमाण नहीं है। माना जाता है कि नींबू के पौधे का मूल स्थान भारत, चीन तथा उत्तरी म्यांमार है। भोजन में इसका प्रयोग सालों पहले से किया जा रहा है। लेकिन इसके कोई निश्चित प्रमाण नहीं हैं। यूरोप तथा अरब देशों में दसवीं शताब्दी के लिखे गए साहित्यों में इसका उल्लेख मिलता है। जिनसे पता चलता है कि उस समय से नींबू का प्रयोग किया जा रहा है। इसके बाद जब मुगल काल आया तो इसे एक शाही फल के रूप में मान्यता मिली। ऐसा भी कहा जाता है कि भारत में पहली बार नींबू की पैदावार असम में हुई।
झाड़ीदार पौधा
नींबू एक प्रकार का सघन कांटेदार तथा झाड़ीदार पौधा है। नींबू का रंग हरा होता है, लेकिन पकने के बाद यह पीला पड़ जाता है। इसका आकार गोल या अंडाकार होता है तथा छिलका पतला होता है। इससे तेल, पेक्टिन, सिट्रिक अम्ल, रस, स्क्वाश तथा सार जैसे विभिन्न प्रकार के पदार्थ तैयार किए जाते हैं। इसमें 5 प्रतिशत साइट्रिक अम्ल पाया जाता है, जिसका pH दो से तीन होता है।
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