जयपुर। जयपुर कमिश्नरेट की सीएसटी टीम ने गरीबों के दस्तावेजों से बैंकों से पर्सनल लोन लेने का गोरखधंधा कर करोड़ों की धोखाधड़ी करने वाली गैंग का खुलासा किया हैं। इसके बाद बैंकों से लोने देने की प्रक्रिया पर भी सवाल उठने लगे हैं। बैंक बिना जांच के ही फर्जी दस्तावेजों पर लोन बांट रहे हैं। अतिरिक्त पुलिस कमिश्नर (प्रथम) कैलाश चंद बिश्नोई ने बताया कि यह बदमाश जयपुर शहर में फर्जी कागजात तैयार कर यह लोन लेते थे। इसको लेकर सोडाला थाने में सोनूने परिवाद दिया था, जिसमें बताया था कि कुछ लोग फर्जी तरीके से जालसाजी करते हुए प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत गरीब लोगों को बैंकों से लोन दिलाने के लिए फर्जी वेतन प्रमाण पत्र बनाकर बैंकों में पर्सनल लोन उठाने का गोरखधंधा चला रखा है। इसकी सूचना पर डीसीपी क्राइम ज्येष्ठा मैत्रयी, एडीसीपी सुलेश चौधरी और चिरंजीलाल मीणा के टीम बनाई। उन्होंने पूरी जांच के बाद सोडाला से गैंग के सरगना विकास अग्रवाल, विशाल शर्मा, रविकांत उर्फ रवि, योगेश चौधरी और रामावतार वर्मा को गिरफ्तार किया है।
गरीब तबके के लोगों को करते थे टारगेट
पुलिस ने बताया कि इस गैंग के सदस्य गरीब तबके के लोगों को टार्गेट करते थे। इन्हेंलालच देकर उनका ऑरिजनल आधार कार्डलेते और उन्हें फर्जी सरकारी विभाग का कर्मचारी बनाकर उसके नाम से फर्जी पे स्लीप या बैंक स्टेटमेंट बनाते थे। इन स्टेटमेंट के आधार पर मिले आधार कार्ड में ऑनलाइन पता बदल लेते और बैंक में खाता खुलवाकर एटीएम, बैंक पासबुक, चैकबुक व सिम ले लेते थे। इसके बाद इन फर्जी दस्तावेजों से बैंक से इनके के नाम पर पर्सनल लोन लेते थे। इसके बाद राशि का आरोपी आपस में बंटवारा कर लेते थे।
बड़े अधिकारियों की फर्जी सील मिली
आरोपियों के पास से 12 विभिन्न विभागों उपायुक्त निगम हेरिटेज, प्रमुख सचिव विधि, खान एवं गोपालन विभाग शासन सचिवालय, निर्मला हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर, आईडीबीआई बैंक, पर्सनल सचिव की फर्जी सीले बना रखी थी। इनके पास से 9.95 लाख नकद, दो लग्जरी वाहन, 20 मोबाइल, तीन दर्जन बैंक की पासबुक, 16 एटीएम, 13 पैनकार्ड, आईडी कार्ड, दो दर्जन सिम, 200 खाली चैक, एक दर्जन चैकबुक, विभिन्न विभागों की फर्जी मोहर और दो डायरी बरामद की है।
करोड़ों रुपए की चपत
अतिरिक्त पुलिस कमिश्नर (प्रथम) कैलाश चंद बिश्नोई ने बताया कि अब तक यह करोड़ों की धोखाधड़ी कर चुके हैं। इस मामले में आगे की जांच की जा रही है और अब तक इन्होंने कहां-कहां से लोन लिया इसका पता लगाया जा रहा है।
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