Maharashtra Crisis: मुंबई। महाराष्ट्र सरकार का भविष्य आज सुप्रीम कोर्ट तय करेगा। दरअसल साल 2022 में एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद उन्हें और उनके साथी विधायकों को अयोग्य ठहराने का शिवसेना का मुकदमा सुप्रीम कोर्ट चला गया था। जिस पर कई सुनवाई के दौरान आज फैसले की घड़ी आ गई है। आज यह पता चल जाएगा कि एकनाथ शिंदे और उनके 15 विधायक शिवसेना के अयोग्य घोषित कर दिए जाएंगे या फिर अपने पद पर बने रहेंगे। ऐसे में फिर से महाराष्ट्र की राजनीति में देखने को मिल सकता है।
2022 की बगावत के बाद दो धड़ों में बंटी थी शिवसेना
ध्यान रहे कि भाजपा के साथ सरकार बनाने से पहले एकनाथ शिंदे और उनके समर्थक असम में जम गए थे। करीब एक से डेढ़ महीने तक वे असम में ही रहे थे। जिसके बाद शिवसेना ने विधानसभा में फ्लोर टेस्ट करवाया था। जिसमें एकनाथ शिंदे ने भाजपा के साथ गठबंधन कर बाजी मार ली और शिवसेना को मुंह की खानी पड़ी। शिवसेना से करीब-करीब 40 से 45 विधायक एकनाथ के साथ चले गए थे। उद्धव ठाकरे के पास ढंग से 3 विधायक भी नहीं बचे थे। जिसके बाद महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे की सरकार बन गई थी लेकिन इससे पहले उद्धव ठाकरे की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका डाली गई थी जिसमें इन विधायकों को अयोग्य करार देने का की मांग की गई थी।
अलग-अलग चुनाव चिह्न और नाम भी
कई दिनों की सुनवाई के बाद चुनाव आयोग में भी इन दोनों ही पार्टी हुई यानी उद्धव गुट की शिवसेना और एकनाथ शिंदे की शिवसेना को अलग-अलग नाम और चुनाव चिन्ह दिए थे। जिसमें एकनाथ शिंदे कि शिवसेना को शिवसेना पार्टी का नाम और उनका ही चुनाव चिन्ह धनुष बाण आवंटित किया था। इधर उद्धव ठाकरे की शिवसेना को बाला साहब ठाकरे शिवसेना और मशाल का चुनाव चिन्ह दिया गया था।
इस फैसले की पहले कल ही महाराष्ट्र भाजपा के प्रमुख चंद्रशेखर बवनकुले ने दावा किया है कि एकनाथ शिंदे की शिवसेना और भाजपा के गठबंधन के चलते 288 विधानसभा सीटों में से 184 से ज्यादा विधायक उनके पास हैं और वे अगर फ्लोर टेस्ट होता है तो उसमें में अपना बहुमत साबित कर सकते हैं।
अयोग्य सिद्ध हुए तो गिर जाएगी सरकार
अब आज सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में 5 जजों की पीठ एकनाथ शिंदे सरकार के भविष्य का फैसला सुनाएगी। हालांकि 16 मार्च को इस फैसले को सुरक्षित रख लिया गया था। अगर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला एकनाथ शिंदे और उनके 15 विधायकों के खिलाफ सुनाया तो फिर यह सरकार गिर सकती है। क्योंकि एकनाथ शिंदे को अपने सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ सकता है। उनके 15 विधायकों को अपनी विधायकी पद से इस्तीफा देना पड़ सकता है जिससे महाराष्ट्र में मध्यावधि चुनाव की घंटी भी सुनाई दे सकती।
वहीं अगर कोर्ट का फैसला एकनाथ शिंदे गुट के पक्ष में आता है तो फिर उनके सरकार बनी रहेगी। चुनाव आयोग ने जो निशान जो नाम उन्हें दिया गया है वह ऐसे ही आगे चलता रहेगा लेकिन उद्धव ठाकरे गुट को इससे बड़ा झटका लग सकता है।