नाथद्वारा में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सीएम अशोक गहलोत की मौजूदगी में राजनीतिक बयान देने को लेकर सीएम गहलोत ने अपनी नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए कहा कि मेरी मौजूदगी में प्रधानमंत्री का राजनीतिक बयान देना और पहले की सरकारों की आलोचना करने की मैं निंदा करता हूं, उन्होंने इस तरह पहले के नेताओं का अपमान किया है।
मेरी मौजूदगी में नेताओं का किया अपमान
अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया के जरिए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को आज नाथद्वारा के सरकारी कार्यक्रम में राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में मेरी उपस्थिति में राजनीतिक बयान देकर पूर्ववर्ती सरकारों की आलोचना करने से बचना चाहिए था। मोदीजी ने कहा कि रेलवे लाइन, बिजली की लाइन और मेडिकल कॉलेज पहले ही क्यों नहीं खोल दिए गए? संभवत: मोदीजी भूल गए कि जैसा संवरा हुआ देश उन्हें मिला वो आजादी के 67 साल के विकास के बाद मिला। ये देश एक दिन में नहीं बना है।
आजादी के बाद भारत में क्रांतिकारी काम हुए
1947 में अंग्रेज जैसा भारत छोड़कर गए तब भारत में बिजली की इंस्टॉल्ड कैपिसिटी केवल 1362 मेगावॉट थी जो 2014 तक करीब 2.5 लाख मेगावॉट हो गई। ये महज एक उदाहरण है। शिक्षा, हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर, रेलवे, IT समेत हर क्षेत्र में 1947 से आज तक इसी तरह उत्तरोत्तर बढ़ोत्तरी हुई है।
नेताओं का अपमान करने के बजाय धन्यवाद देना चाहिए था
आज के मोदीजी के भाषण का भावार्थ ऐसा था जैसे किसी 21 साल के नौकरी में आए युवा को बोला जाए कि आप 20 साल पहले ही नौकरी में क्यों नहीं आ गए। मैं श्री नरेन्द्र मोदी से अपील करना चाहूंगा कि एक प्रधानमंत्री के रूप में सरकारी कार्यक्रमों में आपको अपने पूर्ववर्ती नेताओं का अपमान करने की बजाय उनका धन्यवाद करना चाहिए क्योंकि उन्होंने ऐसा देश मोदीजी को सौंपा जिसके कारण आज वो दुनिया में देश का प्रतिनिधित्व कर पाते हैं।
पीएम ने कांग्रेस पर साधा था निशाना
बता दें कि आज नाथद्वारा में एक मंच पर एक ही कार्यक्रम में गहलोत की मांगों के जवाब में पीएम मोदी ने कांग्रेस सरकार का बिना नाम लिए कई तंज कसे थे, उन्होंने यहां तक कह दिया था कि देश में कुछ लोग ऐसे हैं जिन्हें देश में कुछ भी अच्छा होता देखा नहीं जाता। बेहद नकारात्मकता से भरे हुए लोग हैं ये। अगर पहले की सरकारें इंफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान देती तो आज पानी की कमी नहीं होती पहले मेडिकल कॉलेज बना दिए होते तो आज डॉक्टर्स की कमी नहीं होती।