कोच्चि। विवादित हिंदी फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ के ‘टीजर’ व ‘ट्रेलर’ में दिए गए कुछ बयानों के खिलाफ केरल उच्च न्यायालय में मंगलवार को एक जनहित याचिका दायर की गई। याचिका में यह मांग की गई कि अदालत सेंसर बोर्ड द्वारा फिल्म को सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए दिए गए प्रमाण पत्र को रद्द कर दें। उच्च न्यायालय ने संक्षिप्त दलीलें सुनने के बाद मामले को 5 मई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।
बता दें कि यह फिल्म 5 मई को ही रिलीज होनी है। वहीं इस दिन याचिका पर सुनवाई होगी। न्यायमूर्ति एन. नागेश और न्यायमूर्ति सी.पी. मोहम्मद नियास की पीठ ने केंद्र और सेंसर बोर्ड की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल (डीएसजीआई) मनु एस. को भी याचिका पर सुनवाई की अगली तारीख से पहले जनहित याचिका पर केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) का रुख प्राप्त करने के लिए समय दिया। याचिका एक वकील अनूप वीआर द्वारा दायर की गई है, जिन्होंने तर्क दिया है कि फिल्म में कुछ तथ्यों को गलत तरीके से चित्रित किया गया है।
इसके परिणामस्वरूप केरल के लोगों का अपमान हुआ। उन्होंने इस शुक्रवार को फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाने की मांग की है। याचिका में कहा गया है कि ‘द केरल स्टोरी’ सच्ची घटनाओं से प्रेरित होने का दावा करती है लेकिन फिल्म के ‘टीजर’ और ‘ट्रेलर’ में दिए गए बयान सच्चाई से कोसों दूर हैं। सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका का केंद्र सरकार और सीबीएफसी की ओर से विरोध किया गया है।